नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को कहा कि हमने बताया कि भारत ने किस तरह से पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कड़ा जवाब दिया है। न्यूयॉर्क में भारतीय दूतावास में बोलते हुए थरूर ने कहा कि भारत ने 'जोर से और समझदारी से वार' करने का फैसला किया। भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी कैंपों को निशाना बनाया। भारत ने यह कार्रवाई इसलिए की ताकि स्थिति और ज्यादा न बिगड़े। 1. पहलगाम हमला भयानक, जवाब देना जरूरी थापहलगाम में हुए हमले के बाद भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और PoK में ऑपरेशन सिंदूर चलाया। यह हमला इतना भयानक था कि भारत को जवाब देना जरूरी हो गया था। थरूर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका के साथ साथ अन्य कई देशों का दौरा कर रहा है। इस दौरे का मकसद दुनिया को यह बताना है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। इस प्रतिनिधिमंडल का पहला पड़ाव न्यूयॉर्क में 9/11 मेमोरियल रहा। 2. मकसद एक कड़ा संदेश देना भी थाथरूर ने कहा कि यह एक भावुक पल था। खासकर पहलगाम में हुए हमले को देखते हुए। उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए एक बहुत ही भावुक पल था। लेकिन इसका मकसद एक कड़ा संदेश देना भी था। हम यहां एक ऐसे शहर में हैं जो अभी भी उस भयानक आतंकवादी हमले के निशान झेल रहा है। हमारे अपने देश में भी एक और आतंकवादी हमला हुआ है।" उन्होंने आगे कहा कि यह दौरा एकजुटता दिखाने और दुनिया को यह याद दिलाने के बारे में है कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है। इसका मिलकर सामना करना होगा। "हम यहां एक साझा समस्या की याद दिलाने के लिए आए हैं। हम पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए भी आए हैं। यह एक वैश्विक समस्या है, यह एक अभिशाप है और हम सभी को मिलकर इससे लड़ना चाहिए।" 3. एक सटीक जवाब, युद्ध का ऐलान नहींथरूर भले ही विपक्ष के नेता हैं, लेकिन उन्होंने सरकार के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहलगाम हमले के बाद तेजी से कार्रवाई की। "मैं सरकार के लिए काम नहीं करता हूं। मैं एक विपक्षी पार्टी के लिए काम करता हूं। लेकिन मैंने खुद भारत के एक प्रमुख अखबार में एक लेख लिखा था। मैंने कहा था कि अब जोर से और समझदारी से वार करने का समय आ गया है। मुझे खुशी है कि भारत ने ठीक वैसा ही किया।" 4. भारत ने एक स्पष्ट संदेश दियाउन्होंने बताया कि भारत ने लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके स्थित बेस और जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर स्थित मुख्यालय सहित नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया। ये संगठन लंबे समय से भारत और अन्य देशों पर हमलों में शामिल रहे हैं। "भारत ने एक स्पष्ट संदेश दिया कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत ने बहुत ही सटीक, सोच-समझकर और संतुलित हमले किए। इसका मकसद एक लंबा युद्ध शुरू करना नहीं था, बल्कि सिर्फ बदला लेना था।" 5. पहलगाम हमला और उसका इरादाथरूर ने बताया कि पहलगाम में हमला जानबूझकर किया गया था। इसका मकसद भारत में सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था। "कुछ लोग घूम-घूम कर लोगों का धर्म पूछ रहे थे और फिर उन्हें मार रहे थे। ऐसा इसलिए किया जा रहा था ताकि भारत के बाकी हिस्सों में एक समुदाय के खिलाफ गुस्सा भड़क जाए।" थरूर ने जम्मू और कश्मीर के लोगों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि वहां के नेता और आम नागरिक सब एकजुट होकर खड़े रहे। "वहां धर्म और अन्य मतभेदों से ऊपर उठकर असाधारण एकता देखने को मिली। इससे यह साफ हो गया कि हमला करने वालों का इरादा बहुत गलत था। भारत को यह समझने में कोई दिक्कत नहीं हुई कि यह हमला कहां से किया गया है।" 6. चीन का रवैया दुखी करने वाला रहाथरूर ने यह भी बताया कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नाम के एक आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली है। यह संगठन पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। भारत ने पहले भी संयुक्त राष्ट्र में इस संगठन के बारे में सबूत दिए थे। लेकिन इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में इस संगठन की निंदा नहीं की। ऐसा पाकिस्तान और चीन के विरोध के कारण हुआ। उन्होंने कहा, "हमले के एक घंटे के भीतर, द रेजिस्टेंस फ्रंट नाम के एक संगठन ने इसकी जिम्मेदारी ली। द रेजिस्टेंस फ्रंट कुछ सालों से लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा बना हुआ है। लश्कर-ए-तैयबा को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। भारत ने 2023 और 2024 में द रेजिस्टेंस फ्रंट के बारे में जानकारी संयुक्त राष्ट्र को दी थी। दुख की बात है कि इस संगठन ने 2025 में हमला कर दिया। पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इस हमले से इनकार किया।" "दुख की बात है कि चीन की मदद से पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रेस स्टेटमेंट से TRF का नाम हटाने में सफल रहा।" 7. दुनिया के सामने भारत की एकजुट आवाजइस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में अलग-अलग राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं। इनमें बीजेपी, कांग्रेस, शिवसेना, TDP, JMM और LJP के सांसद हैं। इनके साथ अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू भी हैं। इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद अलग-अलग देशों के सरकारी अधिकारियों, सांसदों, थिंक टैंक, मीडिया और आम लोगों से मिलना है। थरूर ने कहा, "हमारा मकसद अलग-अलग लोगों से बात करना है। हम राजनीतिक और सामाजिक लोगों से बात करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि वे हमारी सोच और हमारी चिंताओं को समझें।" "हम हर देश में जाएंगे. हम सरकार के सदस्यों, विधायिका के सदस्यों और प्रभावशाली विदेश नीति विशेषज्ञों से मिलेंगे। हम मीडिया और आम लोगों से भी बात करेंगे।" 8. पीएम मोदी के "न्यू नॉर्मल" के संकल्प का भी जिक्र दूतावास में बात करते हुए थरूर ने पीएम मोदी के "न्यू नॉर्मल" के संकल्प का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "हमने अब यह तय कर लिया है कि इसकी एक नई सीमा होनी चाहिए। हमने सब कुछ करके देख लिया है। हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिकायतें की हैं। हमने हर तरह की कोशिश की है। पाकिस्तान हमेशा इनकार करता रहा है। वहां किसी को सजा नहीं हुई है। वहां आतंकवाद के ढांचे को खत्म करने की कोई कोशिश नहीं की गई है। वहां आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाने बने हुए हैं। अगर आप (पाकिस्तान) ऐसा करेंगे, तो आपको इसका जवाब मिलेगा। हमने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दिखा दिया है कि हम कितनी सटीकता से हमला कर सकते हैं।" 9. भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगाथरूर ने यह भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अगर वह आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। थरूर ने कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन वह अपनी सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के साथ खड़ा है। 10. भारत को एक ऐसा देश बनना चाहिए जिस पर सभी को गर्व होथरूर ने यह भी कहा कि भारत को अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और अपने लोगों के जीवन स्तर को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को एक मजबूत और समृद्ध देश बनना चाहिए ताकि वह दुनिया में अपनी आवाज उठा सके। थरूर ने कहा कि भारत को अपनी संस्कृति और अपनी परंपराओं को भी बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत को एक ऐसा देश बनना चाहिए जिस पर सभी को गर्व हो।
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