नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम से एक सैन्य अभियान की शुरुआत की। 7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी कि पीओके (POK) में भारतीय सेना ने 9 आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया। ऑपेरेशन सिंदूर में भारत ने बहुत से आधुनिक हथियार और मिसाइलों का इस्तेमाल किया। भारतीय सेना ने राफेल जेट में लगी स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हैमर मिसाइल जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया। क्या है ऑपरेशन सिंदूर की मिसाइलों की खासियत?ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र बलों ने स्कैल्प (Scalp) क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल किया। यह एक फ्रांसीसी-ब्रिटिश मिसाइल है। SCALP मिसाइल एक लंबी दूरी की मिसाइल है। यह दुश्मन के इलाके में अंदर तक जाकर हमला कर सकती है। यह लंबी दूरी तक हमला कर सकती है। इसे खास तौर पर दुश्मन के मजबूत ठिकानों को तबाह करने के लिए बनाया गया है। जैसे कि बंकर और जरूरी इमारतें। इसकी रेंज 250 से 560 किलोमीटर तक जा सकती है। इसकी गति लगभग 1000 किलोमीटर प्रति घंटा की होती है। SCALP मिसाइल का वजन 1,300 किलोग्राम है। इसे ब्रिटेन के यूरोफाइटर टाइफून और फ्रांस के राफेल विमानों से दागा जा सकता है। इसे MBDA नाम की एक यूरोपीय कंपनी ने बनाया है। यह यूक्रेन को दी जाने वाली सबसे लंबी दूरी की पश्चिमी मिसाइल है। यह यूक्रेन की पिछली मिसाइलों से तीन गुना ज्यादा दूरी तक मार कर सकती है। यह मिसाइल दुश्मन के इलाके में अंदर तक हमला करने में बहुत असरदार है। इसका इस्तेमाल पहले इराक, लीबिया और सीरिया में भी किया जा चुका है। SCALP मिसाइल की खासियतSCALP मिसाइल GPS और नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल करती है, जिससे यह बिल्कुल सही रास्ते पर चलती है। यह 100 से 130 फीट की कम ऊंचाई पर उड़ती है। इससे टारगेट को पकड़ना आसान हो जाता है। इस मिसाइल में BROACH (Bomb Royal Ordnance Augmented Charge) लगा होता है, जो बंकरों और मजबूत ठिकानों को भी भेद सकता है। 2020 में लद्दाख में तनाव के दौरान, स्कैल्प से लैस राफेल जेट्स को अंबाला में तैनात किया गया था, जो चीन के तिब्बत क्षेत्र में लक्ष्यों को निशाना बना सकते थे। हैमर मिसाइल से भी किया गया हमलाहैमर मिसाइल (Highly Agile Modular Munition Extended Range) फ्रांसीसी रक्षा कंपनी SAFRAN द्वारा बनाई गई है। यह एक मध्यम दूरी की मिसाइल है। इस मिसाइल को हवा से जमीन में दागा जा सकता है। भारत ने इस हथियार को भी राफेल जेट्स के लिए साल 2020 में चीन के साथ हुए बॉर्डर तनाव के दौरान ही खरीदा था। इस मिसाइल की खासियत यह है कि ये 20 से 70 किलोमीटर तक जा सकती है। मिसाइल की दूरी इसके लॉन्च और टारगेट पर काफी हद तक निर्भर करती है। यह मिसाइल अलग-अलग आकार और वजन में उपलब्ध है। यह 125 किलोग्राम से लेकर 1000 किलोग्राम तक भी हो सकती है। HAMMER मिसाइल की खासियतहैमर मिसाइल में भी जीपीएस होता है जिससे यह सटीक और लंबी दूरी तय करती है। इस मिसाइल में लेजर गाइडेंस भी होती है जिससे इसे टारगेट पर एकदम सटीक निशाना लगाने में आसानी होती है। यह मिसाइल इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग का भी आसानी से सामना कर लेती है और इसे कम ऊंचाई और पहाड़ी इलाकों में ज्यादा असरदार माना जाता है। इसे अफगानिस्तान, लीबिया, इराक और सीरिया के अलावा माली में भी इस्तेमाल किया जा चुका है। यह मिसाइल भी बंकरों को नष्ट करने के लिए मशहूर है। एक राफेल जेट 6 हैमर मिसाइलों को एक साथ ले जा सकता है, जिससे यह 6 टारगेट्स को निशाना बना सकती हैं। राफेल को क्यों माना जाता है इतना खतरनाक?राफेल एक फाइटर जेट है। राफेल की गति-2202 किलोमीटर प्रति घंटा है। जो कि पाकिस्तान के JF-17 1910 किमी/घंटा और J-10 CE 2100 किमी/घंटा से ज्यादा है। वहीं, इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है। इसकी फ्यूल कैपेसिटी 11,202 लीटर है। इस फाइटर जेट में हवा में ही ईंधन भरा जा सकता है, जिससे कि इसकी रेंज और भी बढ़ाई जा सकती है। राफेल आसमान में 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है। राफेल में 30 एमएम की ऑटोकैनन गन भी लगी हुई हैं। इसके अलावा इसमें 14 हार्डपॉइंट हैं। इसका एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार लंबी दूरी तक टारगेट को ट्रैक करता है। पाकिस्तान के पास फाइटर जेट (JF-17, J-10) और पुराने F-16 हैं, जो राफेल की तुलना में कमजोर हैं। इसी के चलते पाकिस्तान में इस फाइटर जेट का इतना ज्यादा खौफ रहता है। पहलगाम हमले का लिया गया बदला22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले ने ऑपरेशन सिंदूर की नींव रखी। पहलगाम की बैसरन वैली में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट नाम के एक संगठन ने ली थी। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक हिस्सा है। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा रद्द कर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ एक जरूरी मीटिंग की। तभी से भारत के लोगों को इस आतंकी हमले के बदले की उम्मीदें थीं।
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