जयपुर: दिल्ली दौरे से लौटने के बाद सूबे के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एक्टिव मोड में दिख रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को सीएम भजनलाल ने करौली जिले के मंडरायल क्षेत्र का दौरा किया। यहां उन्होंने जलभराव से प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। बता दें कि हाल ही में भारी बारिश के कारण यहां मंडरायल में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। मुख्यमंत्री ने हेलीकॉप्टर से इलाके का हवाई सर्वेक्षण किया। साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों से बात करके उनकी परेशानियां भी जानीं।
सीएम ने जानें मंडरायल के हालात
मिली जानकारी के अनुसार भारी बारिश के बाद मंडरायल में हालात बिगड़ गए थे। लिहाजा, मुख्यमंत्री शर्मा ने खुद वहां जाकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने देखा कि बारिश से लोगों को कितना नुकसान हुआ है। साथ ही लोगों को सरकार की ओर से सहयोग किए जाने का भरोसा जताया। मंडरायल पहुंचने पर करौली विधायक दर्शन सिंह गुर्जर, सपोटरा विधायक हंसराज मीणा और भाजपा नेता सुशील शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना और पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल भी वहां मौजूद थे। पुलिस के जवानों ने मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
मुख्यमंत्री ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राहत कार्य में तेजी लाएं। ताकि लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि "सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ है"।
सवाई माधोपुर के इन इलाकों का जाना हाल
करौली के बाद सीएम भजनलाल ने सवाई माधोपुर जिले का भी दौरा किया। यहां अतिवृष्टि से प्रभावित चकेरी, जडावता, अजनोटी, मेनपुरा, धनोली, सूरवाल आदि क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर जल भराव की वर्तमान स्थितियों का जायजा लिया। यहां सीएम ने लगातार हो रही भारी बारिश से उत्पन्न स्थितियों को देखते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाने के दिशा-निर्देश दिए। अब धौलपुर जिले के भी बाढ प्रभावित इलाकों का दौर करेगा। यहां बिश्नोता हवाई पट्टी पर आमजन एवं ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनेंगे।
प्रदेश में बारिश का दौर जारी उल्लेखनीय है कि सावन के तीसरे सोमवार को भी राजस्थान के कई जिलों में दोपहर बाद से हल्की बूंदाबादी शुरू हो गई है। बता दें कि इस बार पूरे मानसून में सामान्य वर्षा औसतन 424 एमएम मानी जाती है, लेकिन इस बार प्रदेश में 1 जून से 1 अगस्त 2025 तक 403 एमएम वर्षा दर्ज हुई है, जो कि सामान्य बारिश का 94 प्रतिशत है। प्रदेश के 28 जिलों में सामान्य से अत्यधिक वर्षा हुई है। भारी बरसात के चलते नदियों में भी जबरदस्त उफान पर है। धौलपुर में चंबल नदी खतरे से निशान से 12 मीटर ऊपर तक चल रही है, जिसके चलते निचले इलाकों को खाली करवाया जा रहा है।
सीएम ने जानें मंडरायल के हालात
मिली जानकारी के अनुसार भारी बारिश के बाद मंडरायल में हालात बिगड़ गए थे। लिहाजा, मुख्यमंत्री शर्मा ने खुद वहां जाकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने देखा कि बारिश से लोगों को कितना नुकसान हुआ है। साथ ही लोगों को सरकार की ओर से सहयोग किए जाने का भरोसा जताया। मंडरायल पहुंचने पर करौली विधायक दर्शन सिंह गुर्जर, सपोटरा विधायक हंसराज मीणा और भाजपा नेता सुशील शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना और पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल भी वहां मौजूद थे। पुलिस के जवानों ने मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

मुख्यमंत्री ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राहत कार्य में तेजी लाएं। ताकि लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि "सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ है"।
सवाई माधोपुर के इन इलाकों का जाना हाल
करौली के बाद सीएम भजनलाल ने सवाई माधोपुर जिले का भी दौरा किया। यहां अतिवृष्टि से प्रभावित चकेरी, जडावता, अजनोटी, मेनपुरा, धनोली, सूरवाल आदि क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर जल भराव की वर्तमान स्थितियों का जायजा लिया। यहां सीएम ने लगातार हो रही भारी बारिश से उत्पन्न स्थितियों को देखते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाने के दिशा-निर्देश दिए। अब धौलपुर जिले के भी बाढ प्रभावित इलाकों का दौर करेगा। यहां बिश्नोता हवाई पट्टी पर आमजन एवं ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनेंगे।

प्रदेश में बारिश का दौर जारी उल्लेखनीय है कि सावन के तीसरे सोमवार को भी राजस्थान के कई जिलों में दोपहर बाद से हल्की बूंदाबादी शुरू हो गई है। बता दें कि इस बार पूरे मानसून में सामान्य वर्षा औसतन 424 एमएम मानी जाती है, लेकिन इस बार प्रदेश में 1 जून से 1 अगस्त 2025 तक 403 एमएम वर्षा दर्ज हुई है, जो कि सामान्य बारिश का 94 प्रतिशत है। प्रदेश के 28 जिलों में सामान्य से अत्यधिक वर्षा हुई है। भारी बरसात के चलते नदियों में भी जबरदस्त उफान पर है। धौलपुर में चंबल नदी खतरे से निशान से 12 मीटर ऊपर तक चल रही है, जिसके चलते निचले इलाकों को खाली करवाया जा रहा है।
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