OpenAI ने एक नया AI बेस्ड वेब ब्राउजर लॉन्च किया है, जिसका नाम चैटजीपीटी एटलस रखा गया है। यह ब्राउजर गूगल को टक्कर देने के लिए बनाया गया है। कंपनी ने एक लाइवस्ट्रीम में इसको पेश किया है, जिसमें इसे इंटरनेट के भविष्य के रूप में पेश किया गया। यह ब्राउजर मैकओएस पर उपलब्ध हो चुका है। जल्द ही विंडोज, आईओएस और एंड्रॉयड पर भी आएगा। बता दें कि AI बेस्ड ब्राउजर की रेस तेज हो रही है। जुलाई 2024 में ओपनएआई ने सर्चजीपीटी नाम का एक सर्च इंजन प्रोटोटाइप लॉन्च किया था। वहीं, परप्लेक्सिटी ने अपना कोमेट ब्राउजर लॉन्च किया। इसके अलावा जोहो ने भी गूगल क्रोम की टक्कर में Ulaa लॉन्च किया था।
एटलस का एजेंट मोड क्या है?द वर्ज की रिपोर्ट बताती है कि चैटजीपीटी एटलस में एक खास मोड भी है, जिसे 'एजेंट मोड' कहा जाता है। यह अभी केवल चैटजीपीटी प्लस और प्रो यूजर्स के लिए है। एजेंट मोड में यह आपके लिए कई काम कर सकता है, जैसे- रेस्तरां बुकिंग, फ्लाइट टिकट बुक करना या दस्तावेज एडिट करना संपादित करना। यूजर्स सेटिंग्स में अपनी मेमोरी देख और मैनेज कर सकते हैं। इसके अलावा, इंकॉग्निटो मोड भी उपलब्ध है, जिससे आप बिना ट्रैकिंग के ब्राउज कर सकते हैं, जैसे गूगल क्रोम में भी कर सकते हैं।
ऐसे काम करता है एटलसएटलस में सर्च रिजल्ट्स पर क्लिक करने पर स्क्रीन दो हिस्सों में बंट जाती है। एक तरफ वेबपेज और दूसरी तरफ चैटजीपीटी की बातचीत दिखती है। इसे कंपैनियन फीचर कहा गया है, जो हर समय आपके साथ रहता है। अगर आप चाहें तो इस स्प्लिट-स्क्रीन को बंद भी कर सकते हैं। ब्राउजर में वेबपेज का सारांश देने और ईमेल में चुने हुए टेक्स्ट को बेहतर बनाने का फीचर भी है, जिसे 'कर्सर चैट' कहते हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग में मदद करेगाओपनएआई पहले भी एजेंटिक एआई पर काम कर चुकी है। ऑपरेटर टूल और चैटजीपीटी एजेंट यूजर की ओर से कंप्यूटर पर काम कर सकते हैं। एटलस इन कोशिशों को और बेहतर बनाता है। यह जटिल कामों को आसान करने और ऑनलाइन शॉपिंग जैसे काम को करने में मदद करता है। हालांकि, पहले के टूल्स में कुछ कमियां थीं, लेकिन एटलस के साथ कंपनी ने सुधार किया है।
परप्लेक्सिटी से टक्करओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन का कहना है कि यह ब्राउजर भविष्य में इंटरनेट के इस्तेमाल का तरीका बदल सकता है। जैसे-जैसे एआई ब्राउजर की जंग बढ़ रही है, यह देखना रोमांचक होगा कि एटलस गूगल और परप्लेक्सिटी जैसे प्रतिद्वंद्वियों को कैसे टक्कर देता है।
एटलस का एजेंट मोड क्या है?द वर्ज की रिपोर्ट बताती है कि चैटजीपीटी एटलस में एक खास मोड भी है, जिसे 'एजेंट मोड' कहा जाता है। यह अभी केवल चैटजीपीटी प्लस और प्रो यूजर्स के लिए है। एजेंट मोड में यह आपके लिए कई काम कर सकता है, जैसे- रेस्तरां बुकिंग, फ्लाइट टिकट बुक करना या दस्तावेज एडिट करना संपादित करना। यूजर्स सेटिंग्स में अपनी मेमोरी देख और मैनेज कर सकते हैं। इसके अलावा, इंकॉग्निटो मोड भी उपलब्ध है, जिससे आप बिना ट्रैकिंग के ब्राउज कर सकते हैं, जैसे गूगल क्रोम में भी कर सकते हैं।
ऐसे काम करता है एटलसएटलस में सर्च रिजल्ट्स पर क्लिक करने पर स्क्रीन दो हिस्सों में बंट जाती है। एक तरफ वेबपेज और दूसरी तरफ चैटजीपीटी की बातचीत दिखती है। इसे कंपैनियन फीचर कहा गया है, जो हर समय आपके साथ रहता है। अगर आप चाहें तो इस स्प्लिट-स्क्रीन को बंद भी कर सकते हैं। ब्राउजर में वेबपेज का सारांश देने और ईमेल में चुने हुए टेक्स्ट को बेहतर बनाने का फीचर भी है, जिसे 'कर्सर चैट' कहते हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग में मदद करेगाओपनएआई पहले भी एजेंटिक एआई पर काम कर चुकी है। ऑपरेटर टूल और चैटजीपीटी एजेंट यूजर की ओर से कंप्यूटर पर काम कर सकते हैं। एटलस इन कोशिशों को और बेहतर बनाता है। यह जटिल कामों को आसान करने और ऑनलाइन शॉपिंग जैसे काम को करने में मदद करता है। हालांकि, पहले के टूल्स में कुछ कमियां थीं, लेकिन एटलस के साथ कंपनी ने सुधार किया है।
परप्लेक्सिटी से टक्करओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन का कहना है कि यह ब्राउजर भविष्य में इंटरनेट के इस्तेमाल का तरीका बदल सकता है। जैसे-जैसे एआई ब्राउजर की जंग बढ़ रही है, यह देखना रोमांचक होगा कि एटलस गूगल और परप्लेक्सिटी जैसे प्रतिद्वंद्वियों को कैसे टक्कर देता है।
You may also like
जनसेवा के प्रति उनके समर्पण और... अमित शाह के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने दी बधाई, जानिए राजनाथ-शिवराज ने क्या कहा
गोवर्धन पूजा पर मथुरा और वृंदावन में ट्रैफिक डायवर्जन लागू, इन रास्तों पर गाड़ियों की No Entry
बिहार के शीर्ष कॉलेज: कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बेहतरीन प्लेसमेंट
नोएडा: प्राइवेट बैंक से निकले 80 हजार, महिला की शिकायत पर नहीं दिया ध्यान, अब रकम के साथ देने पड़ेगा जुर्माना
UPSC 2024 टॉपर शक्ति दुबे का अनोखा इंटरव्यू अनुभव