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लंबी लाइनों में परेशान नहीं होंगे वोटर्स, महाराष्ट्र-झारखंड में कुर्सी-बेंच की सुविधा से सजे होंगे पोलिंग बूथ

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नई दिल्ली: वोट देते वक्त अब मतदाताओं को लंबी-लंबी लाइनों में खड़े होना नहीं पड़ेगा। लंबी लाइनों में लगकर वोट देने पर मजबूर मतदाताओं को कई बार बड़ी परेशानी उठानी पड़ती थी। वोटरों की इस समस्या को देखते हुए चुनाव आयोग ने इस बार महाराष्ट्र और झारखंड राज्यों के विधानसभा चुनावों से वोट देने वाली लाइनों में जरूरत के मुताबिक कुर्सी और बेंच डालने के आदेश दिए हैं। ताकि जिन पोलिंग स्टेशनों पर वोट देने के लिए मतदाताओं की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं। वहां मतदाता कम से कम लाइनों में खड़े होकर थकने के बजाए बैठ सकें। वोटर्स के लिए कुर्सियों और बेंच का होगा इंतजाम मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने वोटरों की लाइनों में जरूरत के मुताबिक उचित संख्या में मतदाताओं के लिए कुर्सियों और बेंच डालने के निर्देश दिए हैं। जिसका जिक्र उन्होंने 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र और झारखंड राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा करते वक्त भी किया था। आयोग का मानना है कि कई पोलिंग स्टेशनों पर वोट देने के लिए वोटर लंबी-लंबी लाइनों में लगते हैं।हालांकि, महिलाओं के लिए लाइनें अलग लगती हैं और बुजुर्ग वोटरों के लिए भी विशेष इंतजाम किए जाते हैं, ताकि उन्हें देर तक लाइनों में ना लगना पड़े। लेकिन बावजूद इसके कई बार हर कैटिगरी के वोटरों की कतार लंबी हो जाती है। इसे देखते हुए फैसला लिया गया है कि अब से चुनावों के वक्त मतदाताओं की लाइनों में कुर्सी और बेंच भी रखे जाएंगे। ताकि वोटर उनमें बैठते हुए पोलिंग बूथ के अंदर जाकर वोट दे सकें। हर दो किलोमीटर के दायरे में बनाए जाएंगे पोलिंग स्टेशन इसके अलावा दोनों राज्यों के तमाम पोलिंग स्टेशनों पर रैंप, वीलचेयर, पीने का पानी, धूप और बारिश से बचाने के लिए जरूरत के मुताबिक टेंट, मॉडल पोलिंग स्टेशन, महिलाओं, नौजवानों और दिव्यांग वोटरों द्वारा संचालित पोलिंग स्टेशन बनाने समेत अन्य तमाम इंतजाम किए जाएंगे। सभी पोलिंग स्टेशन दो मतदाताओं के घरों से दो किलोमीटर के दायरे में बनाए जाएंगे। वोटर्स से फीडबैक भी लिए जातेआयोग का कहना है कि हर चुनाव से वह भी कुछ ना कुछ सीखता है। जिसमें ना केवल मतदाता बल्कि पोलिंग पार्टियों के लिए भी इंतजामों में अगर कहीं कुछ कमी आती है तो अगले चुनावों में उसे दुरूस्त करने की पूरी कोशिश की जाती है। इसी के तहत वोटरों की लाइनों में कुर्सी और बेंच डालने का यह फैसला लिया गया। इसके अलावा इंतजामों को सुधारने के लिए वोटरों के फीडबैक भी लिए जाते हैं, जिसे अगले चुनावों में लागू किया जाता है। कोशिश यही रहती है की वोट देने आने वाले वोटरों को कहीं भी किसी तरह की असुविधा ना होने पाए।
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