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भारत-अमेरिका के बीच बड़े रक्षा समझौते पर अहम फैसला, राजनाथ सिंह बोले- मुझे लगता है कि आज...

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नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 12वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम-प्लस) में शामिल होने के लिए मलेशिया पहुंचे हैं। कुआलालंपुर में राजनाथ सिंह की अमेरिका के वॉर सचिव पीट हेगसेथ से मुलाकात हुई। इस दौरान वार्ता में अमेरिका और भारत के बीच प्रमुख रक्षा एग्रीमेंट पर मुहर लगी। इस वार्ता के दौरान डिफेंस एग्रीमेंट की रूपरेखा पर एक समझौते का आदान-प्रदान भी किया गया। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे।

पीट हेगसेथ के साथ राजनाथ सिंह की वार्ता
अमेरिका के साथ खास डिफेंस डील के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी बात रखी। उन्होंने पीट हेगसेथ से वार्ता पर कहा कि हमने तीन बार टेलीफोन पर बातचीत की है। मुझे आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम-प्लस) के मौके पर हेगसेथ व्यक्तिगत रूप से मिलकर खुशी हो रही है। इस अवसर पर, मुझे लगता है कि आज रक्षा ढांचे पर हस्ताक्षर के साथ एक नया अध्याय शुरू होगा। मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे।



भारत-अमेरिका में सुधर रहे रिश्ते

हाल के दिनों में भारत और अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण नजर आए। पहले टैरिफ विवाद और फिर रूस से कच्चे तेल की खरीद के मुद्दे पर दोनों देश आमने-सामने आते दिखे। हालांकि, अब स्थितियां बदल रही हैं। अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों को मजबूत करने के लिए कई तरह के समझौते और बातचीत जारी है। माना जा रहा कि बढ़े हुए टैरिफ पर भी कोई फैसला हो सकता है। इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका के वॉर सेकेट्री पीट हेगसेथ के साथ वार्ता की। इस दौरान अहम समझौतों पर भी मुहर लगी है।


अमेरिकी समकक्ष से मुलाकात, राजनाथ ने किया ये पोस्ट
राजनाथ सिंह ने एक्स पर पोस्ट में बताया कि कुआलालंपुर में अपने अमेरिकी समकक्ष पीटर हेगसेथ के साथ एक सार्थक बैठक हुई। हमने 10 वर्षीय 'अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी की रूपरेखा' पर हस्ताक्षर किए। यह हमारी पहले से ही मजबूत रक्षा साझेदारी में एक नए युग की शुरुआत करेगा।


रक्षा मंत्री ने आगे लिखा कि यह रक्षा फ्रेमवर्क भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के संपूर्ण आयाम को नीतिगत दिशा प्रदान करेगी। यह हमारे बढ़ते रणनीतिक कन्वर्जेंस का संकेत है और साझेदारी के एक नए दशक की शुरुआत करेगा। डिफेंस सेक्टर हमारे द्विपक्षीय संबंधों का प्रमुख स्तंभ बना रहेगा। एक स्वतंत्र, खुले और नियमों से बंधे हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए हमारी साझेदारी महत्वपूर्ण है।
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