नई दिल्लीः शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स की आत्महत्या और उनमें बढ़ती मेंटल हेल्थ की समस्याओं पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चिंता जताई और कहा कि आत्महत्या की रोकथाम के लिए देश में कोई माकूल कानून नहीं है। इसे देखते हुए कोर्ट ने 15 गाइडलाइंस जारी की, जो तब तक पूरे देश में लागू और बाध्यकारी होंगी, जब तक कानून नहीं बन जाता है।
ये गाइडलाइंस सभी सरकारी, सार्वजनिक, प्राइवेट विश्वविद्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, प्रशिक्षण और कोचिंग संस्थानों और हॉस्टलों पर लागू होंगी, चाहे वे किसी भी बोर्ड/विश्वविद्यालय से संबद्ध हों। सुप्रीम कोर्ट ने NEET की तैयारी कर रही 17 वर्षीय छात्रा की संदिग्ध हालत में मौत के मामले में सुनवाई करते हुए ये गाइडलाइंस जारी की। साथ ही, छात्रा की मौत की CBI से जांच कराने का भी आदेश दिया है।
जब तक कानून नहीं, लागू रहेंगे ये दिशानिर्देश
ये गाइडलाइंस सभी सरकारी, सार्वजनिक, प्राइवेट विश्वविद्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, प्रशिक्षण और कोचिंग संस्थानों और हॉस्टलों पर लागू होंगी, चाहे वे किसी भी बोर्ड/विश्वविद्यालय से संबद्ध हों। सुप्रीम कोर्ट ने NEET की तैयारी कर रही 17 वर्षीय छात्रा की संदिग्ध हालत में मौत के मामले में सुनवाई करते हुए ये गाइडलाइंस जारी की। साथ ही, छात्रा की मौत की CBI से जांच कराने का भी आदेश दिया है।
जब तक कानून नहीं, लागू रहेंगे ये दिशानिर्देश
- मेटल हेल्थ नीति बनेः सभी शिक्षण संस्थान यूनिफॉर्म मेटल हेल्थ पॉलिसी अपनाएंगे, इसे सूचना पट और वेबसाइट पर जारी करेंगे।
- प्रफेशनल नियुक्त करें: छात्रों वाले संस्थानों में मेटल हेल्थ प्रफेशनल जैसे ट्रेंड काउंसलर, सायकायट्रिस्ट को रखना होगा।
- स्टूडेंट काउंसलर अनुपातः छोटे बैचों में समर्पित काउंसलर नियुक्त हो, जिनसे एग्जाम में सहयोग मिल सके।
- सुरक्षा उपायः हॉस्टल की छतो, बालकनी और पंखो जैसी जगहों पर सुरक्षा उपकरण लगाने होंगे।
- बैच विभाजन नहीं: कोचिंग सहित सभी संस्थान प्रदर्शन के आधार पर छात्रों को अलग बैच में डालने से बचे।
- उत्पीड़न पर कठोर रुखः जाति, लिंग, धर्म, दिव्यांगता, यौन आधार पर उत्पीड़न की शिकायत का मेकेनिजम बने।
- इमरजेंसी में हेल्पः संस्थानो में अस्पताल, हेल्पलाइनो के नंबर स्पष्ट अक्षरों में प्रदर्शित किए जाएं।
- स्टाफ ट्रेनिंग: कर्मचारियों को साल में कम से कम दो बार ट्रेंड मेटल हेल्थ प्रफेशनल से ट्रेनिंग दी जाए।
- पैरंट्स में जागरूकताः माता-पिता के लिए जागरूकता सेशन करें, उन्हें बच्चों में अत्यधिक प्रेशर न डालने को कहें।
You may also like
लड़की ने पहलेˈ देखी 'रेड' फिल्म फिर फिल्मी स्टाइल में अपने ही रिश्तेदार के घर में मारा छापा कर गई लाखों की लूट
कानूनी पचड़े में फंसे नीतीश कुमार रेड्डी, 5 करोड़ रुपये का मुकदमा
पैरों की येˈ मामूली दिक्कतें हार्ट फेलियर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं, न करें नजरअंदाज
बिहार को मिली नई सौगात, सीएम नीतीश ने किया गंगा और पाटली गैलरी के साथ प्रेक्षा गृह का उद्घाटन
तोरई : डायबिटीज से त्वचा रोग तक, कई समस्याओं का एक समाधान