करनाल: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों की फायरिंग में शहीद हुए नेवी के अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के अंतिम संस्कार में मानों पूरा करनाल उमड़ पड़ा। हर आंख नम थी और दिल में इस कायरना हमले के खिलाफ गुस्सा भी था। परिवार के सदस्यों का तो रो रोकर बुरा हाल था ही, अपने जांबाज अफसर के अंतिम संस्कार में शामिल हुए नेवी के अधिकारी भी उन्हें अंतिम विदाई देते समय अपने आंसू नहीं पाए। करनाल के मॉडल टाउन स्थित शिवपुरी के श्मशान घाट पर बुधवार शाम बेहद गमगीन माहौल में विनय नरवाल को मुखाग्नि दी गई। इस दौरान नेवी के अफसरों की टीम ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया।इससे पहले तिरंगे में लिपटा हुआ विनय नरवाल का पार्थिव शरीर शाम करीब 5:30 बजे जब करनाल के सेक्टर-7 स्थित उनके आवास पर पहुंचा, उससे पहले ही घर पर लोगों की भारी भीड़ जुट चुकी थी। रिश्तेदारों और दोस्तों के अलावा शहर के कई गणमान्य लोग और सैकड़ों की संख्या में आम लोग भी वहां पहुंच चुके थे। शव के पहुंचने से पहले नेवी के 45 लोगों की एक टीम तीन बसों में सवार होकर विनय के घर पहुंचीं। उनमें कुछ महिला अफसर भी शामिल थीं। शाम को जैसे ही नेवी के अधिकारियों की गाड़ियां एंबुलेंस में विनय के पार्थिव शरीर को लेकर पहुंचीं, पूरा माहौल नारों से गूंज उठा। विनय नरवाल अमर रहे, विनय नरवाल जिंदाबाद के साथ-साथ लोग पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगा रहे थे। शव से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगीं पार्थिव शरीर को जब आवास के अंदर ले जाया गया, तो विनय की मां आशा, पत्नी हिमांशी और बहन सृष्टि समेत परिवार की महिलाएं शव से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगीं। विनय के बुजुर्ग दादाजी हवा सिंह का भी बुरा हाल था। शव को देखकर उनकी तबीयत बिगड़ गई और वो बेसुध हो गए। लोगों ने बड़ी मुश्किल से उनको संभाला। बहन सृष्टि ने चचेरे भाई के साथ मिलकर चिता को मुखाग्नि दीआवास पर श्रद्धांजलि देने के बाद शव को फूलों से सजी एक गाड़ी में रखकर मॉडल टाउन, शिवपुरी स्थित श्मशान घाट ले जाया गया। पार्थिव शरीर के साथ शहर के सैकड़ों लोग नारे लगाते हुए साथ में चल रहे थे। आसपास रास्तों पर भी ट्रैफिक थम गया था। शाम 7 बजे के करीब हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी और उनकी सरकार के कुछ मंत्री और विधायक भी श्मशान घाट पहुंचे पहुंचे और नरवाल को श्रद्धांजलि अर्पित की। कुछ ही देर बाद बहन सृष्टि ने चचेरे भाई के साथ मिलकर चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान नेवी की टीम ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया और शोक धुन बजाई गई। विनय की बहन और पत्नी, दोनों बुरी तरह चीख पड़ीं जैसे ही चिता को अग्नि दिए जाने के बाद सीएम ने परिजनों को सांत्वना दी, विनय की बहन और पत्नी, दोनों बुरी तरह चीख पड़ीं और रोते हुए सीएम से कहा कि वहां पर अगर सिक्योरिटी होती, तो जतिन आज हमारे बीच होता। सीएम ने परिवार को भरोसा दिलाया कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। पिता राजेश नरवाल और दादा हवा सिंह की तबीयत वहां भी बिगड़ गई और लोग उन्हें भीड़ से कुछ दूर खुले में ले गए।
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