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मॉडल टाउन में प्राइमरी स्कूल के पास पार्क नहीं, प्लेग्राउंड बनाया जाएगा, दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया निर्देश

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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने मॉडल टाउन निवासियों की मांग पर MCD को इलाके में मौजूद अपने प्राइमरी स्कूल के पास जमीन पर प्लेग्राउंड की बजाय ओरनामेंटल पार्क बनाने का निर्देश देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि निवासियों के इस्तेमाल और आनंद के लिए आसपास पहले से ही कई पार्क है, जिनमें 100 एकड़ का एक पार्क भी शामिल है। कोर्ट का मानना है कि स्कूली बच्चों के लिए खेल के मैदान के रूप में उस जमीन की जरूरत उनके शारीरिक विकास के लिए सबसे अहम है।



MCD के फैसले में कोई नहीं है खामी

जस्टिस मिनी पुष्करणा ने 19 अगस्त को सुनाए गए फैसले में कहा कि MCD के फैसले में कोई खामी नहीं है। मौजूदा याचिका में मोहित गोयल और अन्य लोगों ने तमाम दूसरी मांगों के साथ MCD को तीस हजारी कोर्ट के समक्ष एक मुकदमे में दिए गए उसके वचन का पालन करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।




चारदीवारी का पुनर्निर्माण कर दिया है शुरू

याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, इसके तहत MCD ने मॉडल टाउन में याचिकाकर्ताओं के घरों के सामने की जमीन को एक ओरनामेंटल पार्कर के रूप में विकसित करने पर सहमति जताई थी। चूंकि MCD ने संबंधित जमीन को बगल के सरकारी स्कूल के खेल के मैदान के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला लिया है और वहां मौजूद पुरानी चारदीवारी का पुनर्निर्माण शुरू कर दिया है, इसलिए मौजूदा याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता संबंधित जमीन के सामने स्थित संपत्तियों के मालिक हैं और मॉडल टाउन ओनर्स एंड रेजिडेंट्स सोसाइटी के सदस्य भी है।



इस्तेमाल करने की दी गई मंजूरी

कोर्ट ने गौर किया कि विचाराधीन क्षेत्र को ओरनामेंटल पार्कर के रूप में इस्तेमाल करने के प्रस्ताव से संबंधित फाइल नोटिंग साल 1988 की स्थायी समिति की प्रस्तावना के पूरी तरह विपरीत थी, जिसमें विचाराधीन जमीन को स्कूलर के रूप में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गई। उसके मुताबिक लैंड यूज में बदलाव किया गया। कोर्ट ने कहा कि उक्त प्रस्ताव को सक्षम प्राधिकारी द्वारा कभी भी मंजूर नहीं किया गया था।

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