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शेयरहोल्डर्स का नाम बताओ नहीं तो... अडानी ग्रुप में निवेश करने वाले फंड्स को सेबी की चेतावनी

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नई दिल्ली: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने मॉरीशस में स्थित दो फंड्स को चेतावनी दी है। इन फंड्स का अडानी ग्रुप में निवेश है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेबी ने कहा है कि अगर इन फंड्स ने अपनी शेयरहोल्डिंग की जानकारी नहीं दी तो उन पर जुर्माना लग सकता है और लाइसेंस भी रद्द हो सकते हैं। SEBI ने यह चेतावनी पिछले दो साल से बार-बार जानकारी मांगने के बाद दी है। सेबी देश के तीसरे सबसे बड़े औद्योगिक घराने अडानी ग्रुप और उसके 13 विदेशी निवेशकों की जांच कर रहा है। यह जांच हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद शुरू हुई।जनवरी 2023 में अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि अडानी ग्रुप टैक्स बचाने के लिए गलत तरीके से टैक्स हेवन का इस्तेमाल कर रहा है। इससे अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को हमेशा गलत बताया है और अब उसके शेयर काफी हद तक इस नुकसान की भरपाई कर चुके हैं। क्या है आरोपनियमों के अनुसार लिस्टेड कंपनियों के कम से कम 25% शेयर पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास होने चाहिए। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि अडानी ग्रुप इस नियम का उल्लंघन कर रहा है। उनका कहना था कि अडानी कंपनी में निवेश करने वाले कुछ विदेशी फंड्स अडानी ग्रुप से ही जुड़े हुए हैं।सेबी 2023 से ही मॉरीशस के दो Elara फंड्स Elara India Opportunities Fund और Vespera Fund से सभी शेयरहोल्डर्स की पूरी जानकारी मांग रहा है। मार्केट रेगुलेटर चाहता है कि ये फंड बताएं कि उनके शेयरहोल्डर्स कौन हैं और उनके पास कितने शेयर हैं। अगर ये फंड जानकारी नहीं देते हैं, तो सेबी उन पर सख्त कार्रवाई कर सकता है। उन पर जुर्माना लग सकता है और लाइसेंस भी रद्द हो सकते हैं।
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