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पार्टी मेरी है, किसी को हाइजैक का हक नहीं, PMK चीफ एस.रामदास ने बेटे अंबुमणि रामदास को पार्टी से निकाला

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चेन्नई : पट्टाली मक्कल कच्ची (पीएमके) के संस्थापक अध्यक्ष एस. रामदास ने अपने बेटे अंबुमणि रामदास को पार्टी से निष्कासित कर दिया। उन्होंने अपने बेटे अंबुमणि पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए उन्हें सभी पदों से हटा दिया। गुरुवार को चेन्नई में इसका ऐलान करते हुए सीनियर रामदास ने कहा कि उन्होंने पीएमके पार्टी से अंबुमणि नाम के कचरे को साफ कर दिया है। बता दें कि पिता-पुत्र में पिछले एक साल से मतभेद चल रहे थे। कई महीनों से बीजेपी, आरएसएस समेत कई लोगों ने दोनों में सुलह कराने की कोशिश की थी। उन्होंने बेटे अंबुमणि पर पार्टी को हाइजैक की कोशिश करने, जासूसी करने और गुटबाजी का आरोप लगाया है।





चेन्नई में सीनियर रामदास ने किया ऐलान

गुरुवार को पीएमके नेता एस.रामदास ने साउथ चेन्नई स्थित थाइलपुरम में अपने फार्महाउस पर पार्टी के प्रशासनिक परिषद की मीटिंग बुलाई। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ऐलान किया कि अंबुमणि को पट्टाली मक्कल कच्ची को पार्टी से निष्कासित किया जा रहा है। उन्हें न सिर्फ कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटाया गया है बल्कि प्राथमिक सदस्यता भी निरस्त कर दी गई है। सीनियर रामदास ने बेटे अंबुमणि पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप लगाया।





16 आरोपों का अंबुमणि ने नहीं दिया जवाब

एस. रामदास ने कहा कि कार्रवाई से पहले अंबुमणि रामदास को 16 आरोपों पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। अंबुमणि ने इस नोटिस का जवाब या स्पष्टीकरण नहीं दिया। इससे साबित होता है कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप सही हैं। पीएमके प्रमुख ने कहा कि उन्होंने तीन साल पर अंबुमणि को चेतावनी दी थी, मगर उसने पार्टी में गुटबाजी की। उन्होंने बेटे पर जासूसी करने का आरोप भी लगाया। एस. रामदास ने कहा कि इस पार्टी को मैंने शुरू किया था और किसी को भी इसे हाईजैक करने का अधिकार नहीं है।





2014 में सामने आया था बाप-बेटे का मतभेद

मतभेद पहली बार दिसंबर 2024 में तब सामने आया, जब रामदास ने अपने नाती पी. मुकुंदन को पीएमके यूथ विंग का अध्यक्ष बनाया था। मुकुंदन उनकी बेटी गांधीमती का बेटा है। बेटे अंबुमणि ने इसका विरोध किया था। अंबुमणि ने दलील दी थी कि जो व्यक्ति चार महीने पहले पार्टी में शामिल हुआ है, उसे इतना बड़ा पद कैसे दिया जा सकता है। इससे नाराज रामदास ने बेटे अंबुमणि को अध्यक्ष पद से हटाकर कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया और खुद पार्टी की कमान संभाल ली।



पिता के इस फैसले पर अंबुमणि ने कहा कि उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने का अधिकार एस. रामदास को नहीं, बल्कि पीएमके के जनरल काउंसिल के पास है। फिर अंबुमणि ने पूरे राज्य में राइट्स रिट्रीवल यात्रा भी शुरू की। पिछली जुलाई में रामदास के फार्महाउस में उनकी कुर्सी के नीचे एक जासूसी उपकरण मिला। इससे परिवार में झगड़ा और बढ़ गया। सीनियर रामदास ने साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज कराई।





बीजेपी की मुसीबत, किसका देगी साथ

रिपोर्टस के अनुसार, तमिलनाडु बीजेपी और आरएसएस के एस. गुरुमूर्ति ने रामदास फैमिली में संवाद की कोशिश की। इसके अलावा वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी के चांसलर जी. विश्वनाथन भी मध्यस्थता के लिए सामने आए, मगर विवाद नहीं खत्म हुआ। पीएमके पार्टी में पिता-पुत्र की यह लड़ाई बीजेपी के लिए बड़ा झटका है। तमिलनाडु में एआईएडीएमके के बाद पीएमके दूसरी बड़ी पार्टी है, जो एनडीए में शामिल है। दो चुनावों में हार के बाद पीएमके अभी भी एक मजबूत पार्टी मानी जाती है क्योंकि तमिलनाडु के ओबीसी कैटिगरी के वन्नियार जाति में रामदास की अच्छी पकड़ है। एनडीए में शामिल तमिल मनीला कांग्रेस, इंडिया जननायगा कच्ची और न्यू जस्टिस पार्टी राज्य में ज्यादा प्रभाव नहीं रखती है। लोकसभा चुनाव में सहयोगी रहे टीटीवी दिनाकरण पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम एनडीए से बाहर हो चुकी है।





अंबुमणि समर्थकों ने दी फैसले को चुनौती

एस.रामदास के फैसले पर उनके बेटे अंबुमणि के समर्थकों ने सवाल उठाया है। पीएमके नेता के. बालू अंबुमणि ने कहा कि अंबुमणि को पार्टी का नेता चुना गया था। चुनाव आयोग ने भी इसकी पुष्टि की है इसलिए उन्हें हटाया नहीं जा सकता। बालू ने कहा कि रामदास सीनियर पिछले कई महीनों से बयान दे रहे हैं लेकिन उनसे कोई फर्क नहीं पड़ता है। अंबुमणि अभी भी पार्टी के नेता हैं और पीएमके के अध्यक्ष बने रहेंगे।



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