News India live, Digital Desk: स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने सोमवार, 28 अप्रैल 2025 को वैश्विक सैन्य खर्च से जुड़े ताजा आंकड़े जारी किए हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में पूरी दुनिया में सैन्य खर्च में लगभग 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। सैन्य खर्च के लिहाज से अमेरिका अब भी दुनिया में पहले स्थान पर है, जबकि चीन दूसरे, रूस तीसरे, जर्मनी चौथे और भारत पांचवें स्थान पर रहा। इन पांच देशों का कुल खर्च वैश्विक सैन्य खर्च के लगभग 60 प्रतिशत के बराबर है।
भारत बनाम पाकिस्तान: सैन्य खर्च में बड़ा अंतररिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में भारत का सैन्य खर्च 1.6 प्रतिशत बढ़कर करीब 86.1 अरब डॉलर (7.19 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गया। दूसरी ओर, पड़ोसी देश पाकिस्तान ने अपनी सेना पर कुल 10.2 अरब डॉलर (85,170 करोड़ रुपये) खर्च किए। इस तरह भारत का सैन्य खर्च पाकिस्तान से लगभग नौ गुना अधिक है। सैन्य खर्च की ग्लोबल रैंकिंग में पाकिस्तान 29वें नंबर पर है।
चीन की लगातार बढ़ोतरीचीन ने भी अपने रक्षा खर्च में 7.0 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिससे उसका सैन्य खर्च बढ़कर करीब 314 अरब डॉलर हो गया है। यह लगातार तीसरा दशक है जब चीन के रक्षा खर्च में लगातार वृद्धि देखी गई है।
यूरोप में रिकॉर्ड वृद्धिरूस सहित यूरोपीय देशों में सैन्य खर्च में भारी इजाफा हुआ है। यूरोपीय देशों ने साल 2024 में सैन्य खर्च में कुल 17 प्रतिशत वृद्धि की, जो अब बढ़कर लगभग 693 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। वैश्विक सैन्य खर्च में वृद्धि में यूरोप का योगदान प्रमुख रहा है।
भारत-फ्रांस के बीच राफेल विमान सौदाइसी बीच, भारत ने 28 अप्रैल 2025 को फ्रांस के साथ 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत, भारत को 22 सिंगल-सीटर और 4 डबल-सीटर राफेल विमान मिलेंगे, जिनकी आपूर्ति वर्ष 2031-32 तक पूरी होगी।
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