ऑफिस पॉलिटिक्स पर चाणक्य नीति: आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र में जीवन में सफलता और समृद्धि के व्यावहारिक सूत्र दिए गए हैं। ये नीतिशास्त्र न केवल व्यक्तिगत जीवन में, बल्कि पेशेवर क्षेत्र में भी मार्गदर्शक हैं। चाणक्य नीति का पालन करने से आप अपने करियर में प्रगति और स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं। उनके द्वारा बताए गए सरल लेकिन कारगर उपाय हर मोड़ पर काम आते हैं, खासकर जब आप ऑफिस के माहौल में हों।"परोक्षे कराहंतारं प्रयवादिनम्। वर्जयेताद्रसं मित्रं विष्कुभमप्योमुखम्।" यह चाणक्य नीति का एक श्लोक है. इसका मतलब है कि ऑफिस में कुछ लोगों से दूरी बनाकर रखना ही फायदेमंद है। इसमें चार तरह के लोग शामिल हैं, जो आपकी प्रगति में बाधा बन सकते हैं। इनसे सावधान रहना जरूरी है.झूठे तारीफ करने वालेचाणक्य कहते हैं, ऐसे लोगों से सावधान रहें जो सामने तो आपकी तारीफ़ करते हैं, लेकिन पीठ पीछे आपकी आलोचना करते हैं। ऐसे लोग मीठी-मीठी बातें करके भरोसा तो जीत लेते हैं, लेकिन आपके काम में रुकावट डालने का कोई मौका नहीं छोड़ते। इनका मकसद आपकी सफलता को कमज़ोर करना होता है।लगातार मज़ाक उड़ानाऑफिस में कुछ लोग लगातार आप पर टिप्पणी करते रहते हैं या मज़ाक उड़ाते रहते हैं, जिससे आपकी छवि खराब होती है। ऐसे लोग अपने सहकर्मियों को नीचा दिखाते हैं, खुद को श्रेष्ठ दिखाते हैं और आपकी तरक्की में रुकावटें पैदा करते हैं। इनसे दूरी बनाए रखना ही बेहतर है।लगातार दूसरों को नीचा दिखानाचाणक्य नीति के अनुसार, ऑफिस में कई ऐसे लोग होते हैं जो अपने आगे सबको छोटा समझते हैं। ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखना ही बेहतर है। ये लोग किसी को आगे बढ़ते हुए नहीं देख सकते और इसलिए काम में रुकावटें पैदा कर सकते हैं।ईर्ष्यालु और जलनशीलजो सहकर्मी या वरिष्ठ आपकी सफलता की प्रशंसा होने पर उसे कम आंकते हैं, वे आपसे ईर्ष्या करते हैं। ऐसे लोग आपकी प्रगति से खुश नहीं होते और आपके काम में बाधा डाल सकते हैं। चाणक्य कहते हैं, ऐसे ईर्ष्यालु लोगों से सावधान रहें और दूरी बनाए रखें, ताकि आपका करियर सुरक्षित रहे।अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नप्रश्न: चाणक्य नीति कार्यालय जीवन में कैसे मदद कर सकती है?उत्तर: चाणक्य नीति जीवन में सफलता और समृद्धि के व्यावहारिक सूत्र प्रदान करती है, जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में मार्गदर्शक का काम करते हैं। यह कार्यालय में सफलता पाने के लिए सरल लेकिन प्रभावी उपाय सुझाती है, जैसे कुछ खास लोगों से दूरी बनाए रखना। इससे करियर की बाधाओं से बचने और प्रगति व स्थिरता प्राप्त करने में मदद मिलती है, खासकर कार्यालय की राजनीति से निपटने के दौरान।प्रश्न: चाणक्य नीति के अनुसार ऑफिस में किस तरह के लोगों से दूर रहना चाहिए?उत्तर: चाणक्य नीति के अनुसार, ऑफिस में चार तरह के लोगों से सावधान रहना चाहिए: 1) जो आपके मुँह पर आपकी तारीफ़ करते हैं लेकिन पीठ पीछे आपकी बुराई करते हैं; 2) जो लगातार आपका मज़ाक उड़ाते हैं या आपको ताना मारते हैं; 3) जो दूसरों को नीचा दिखाते हैं; 4) जो आपकी सफलता से ईर्ष्या और जलन रखते हैं। ये लोग आपकी तरक्की में बाधा बन सकते हैं, इसलिए इनसे दूरी बनाए रखना ही बेहतर है।प्रश्न: कार्यालय के संदर्भ में चाणक्य नीति के श्लोक का क्या अर्थ है?उत्तर: चाणक्य नीति का श्लोक "परोक्षे कार्याहनतारं प्रयवादिनम्। वर्जयेताद्रसं मित्रं विषकुभमप्योमुखम्।" कहता है कि ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए जो सामने तो मीठी-मीठी बातें करते हैं, लेकिन पीठ पीछे आपके काम में बाधा डालते हैं। ऑफिस में ऐसे सहकर्मी या वरिष्ठ आपकी छवि खराब कर सकते हैं या आपकी प्रगति में बाधा डाल सकते हैं, इसलिए उनसे दूरी बनाए रखें और अपना करियर सुरक्षित करें।
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