हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वर्तमान में वैशाख का महीना चल रहा है, जिसके बाद ज्येष्ठ माह (तीसरा महीना) शुरू होगा। इस वर्ष ज्येष्ठ माह की शुरुआत 13 मई 2025, मंगलवार से होगी और यह 11 जून 2025, बुधवार को समाप्त होगा। इस माह में भगवान विष्णु, शनि देव और हनुमान जी की पूजा करना और दान देना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
गुरु और सूर्य का राशि परिवर्तन
ज्योतिष के अनुसार, ज्येष्ठ माह के प्रारंभिक दिनों में गुरु और सूर्य का राशि परिवर्तन हो रहा है। वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरु देव 14 मई 2025, बुधवार को रात 11:20 बजे मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इसके अगले दिन, 15 मई 2025, बृहस्पतिवार को सुबह 12:20 बजे सूर्य देव वृषभ राशि में कदम रखेंगे। आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ माह की शुरुआत में गुरु और सूर्य की कृपा से किन राशियों का भाग्य चमकने वाला है।
वृषभ राशि
ज्येष्ठ माह की शुरुआत में वृषभ राशिवालों के लिए भाग्य का साथ रहेगा। ग्रहों की कृपा से लंबे समय से रुके काम पूरे होंगे और परिवार में खुशियों का माहौल बनेगा। वाहन खरीदने के लिए यह समय शुभ है। व्यापारियों के लिए काम का विस्तार और मुनाफा बढ़ने के संकेत हैं। उम्रदराज जातकों को जोड़ों के दर्द से राहत मिलेगी। परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को सफलता मिलने की पूरी संभावना है।
उपाय और सावधानियाँ
उपाय: सूर्य मंत्रों का जाप करें और अधिक से अधिक लोगों की मदद करें।
सावधानी: बड़े-बुजुर्गों का अपमान न करें।
शुभ दिन: रविवार
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए भी ज्येष्ठ माह के प्रारंभिक दिन सकारात्मक रहेंगे। युवाओं की नेतृत्व क्षमता में वृद्धि होगी और ऑफिस में सहकर्मियों के साथ तालमेल बेहतर रहेगा। स्वास्थ्य के मामले में उम्रदराज लोगों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा। संपत्ति से जुड़े मामलों में प्रगति होगी और रुकी हुई डील्स आगे बढ़ सकती हैं।
उपाय और सावधानियाँ
उपाय: गुरुवार का व्रत रखें और विष्णु जी की पूजा करें।
सावधानी: विवादों से दूर रहें और गुस्से पर नियंत्रण रखें।
शुभ दिन: मंगलवार
कन्या राशि
13 मई 2025 के बाद कन्या राशिवालों के लिए समय अनुकूल रहेगा। रियल एस्टेट से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। व्यापारियों को नए ऑर्डर मिलेंगे और नौकरीपेशा जातकों को निवेश से लाभ के संकेत हैं। परिवार में आपका रुतबा बढ़ेगा और नए सदस्य के जुड़ने से खुशी का माहौल बनेगा।
उपाय और सावधानियाँ
उपाय: हनुमान जी की आराधना करें और उन्हें बूंदी का भोग लगाएं।
सावधानी: गलत शब्दों का इस्तेमाल न करें और खुश रहने का प्रयास करें।
शुभ दिन: शनिवार
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