कब्रिस्तान की एक कब्र में पिछले साढ़े चार महीने से एक शव सो रहा था। साढ़े चार महीने बाद अदालत का आदेश आता है। मृतकों को कब्र से बाहर निकाला जाना चाहिए। क्योंकि उसे अपनी मौत का कारण पूछना है। आदेश के अनुसार, वह मृतकों को तीस घंटे के लिए कब्र से बाहर निकालता है। अब वह शव कब्र से बाहर आकर शवगृह में पहुंच जाता है। और उसके बाद जो घटित होता है वह काफी चौंकाने वाला है। मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार, मृत्यु के बाद अंतिम स्थान कब्र है। यूपी के मऊ इलाके में एक कब्रिस्तान है। और वहां एक जगह पर एक निशान बना हुआ था। जिसके नीचे एक कब्र है। यह कब्र 30 वर्षीय महिला नाजिया खातून की थी। स्थानीय पुलिस और स्थानीय न्यायालय के प्रतिनिधि उस स्थान की माप के साथ आसपास के क्षेत्र में मौजूद थे। एक जेसीबी मशीन भी खड़ी थी।
13 अप्रैल 2025 को सुबह 11 बजे मऊ स्थित उस कब्रिस्तान में कोर्ट प्रतिनिधि की अनुमति मिलते ही जेसीबी मशीन हरकत में आ जाती है और खुदाई शुरू हो जाती है। यह उत्खनन अगले 26 मिनट तक जारी रहेगा। 26 मिनट की खुदाई के बाद मशीनें और मनुष्य अंततः उस गहराई तक पहुंच गए जहां नाजिया पड़ी थी। नाजिया का शव अब बाहर निकाल लिया गया है। शव को एकत्र कर यहां से लगभग 22 किलोमीटर दूर मऊ स्थित सरकारी शवगृह ले जाया जाता है।
जब नाजिया खातून का शव शवगृह लाया गया तो डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया, लेकिन तारीख अभी भी 13 अप्रैल ही थी, लेकिन समय दोपहर 1 बजे का था। दूसरे शब्दों में कहें तो नाजिया को कब्र से बाहर आए दो घंटे हो चुके थे। 13 अप्रैल की रात नाजिया उसी शवगृह में रहती है। अब 14 अप्रैल की सुबह थी। अदालत के अधिकारियों के आदेश के बाद डॉक्टरों का एक पैनल नाज़िया के शव का पोस्टमार्टम करता है। पोस्टमार्टम और लेखन में लगभग 6 घंटे बीत जाते हैं।
30 घंटे बाद नाजिया का शव एक बार फिर शवगृह से बाहर निकाला गया। अगले एक घंटे के भीतर वह एक बार फिर अपने स्थायी घर पहुंच गयी। उस समय शाम के करीब 5 बज रहे थे। करीब 29 घंटे पहले नाजिया को एक बार फिर उसी कब्र में दफनाया जा रहा था जहां से नाजिया को निकाला गया था। तब तारीख थी 14 अप्रैल और समय था शाम के 6 बजे। और इस तरह कब्र से शुरू हुआ शव का सफर शवगृह से 30 घंटे के भीतर उसी कब्र पर खत्म हो जाता है। लेकिन अभी तो सिर्फ सफर खत्म हुआ है, कहानी तो अभी शुरू हुई है।
नाजिया की मौत 30 नवंबर 2024 को हुई। महज 30 घंटे के लिए कब्र से निकालकर शवगृह में लाई गई नाजिया की मौत साढ़े चार महीने पहले ही हो चुकी थी। नाजिया की मृत्यु 30 नवंबर 2024 को हुई। विवाहिता नाजिया की मृत्यु के बाद उसके पति, ससुराल वालों और सास-ससुर ने उसे पूरे अंतिम संस्कार के साथ इसी कब्रिस्तान में दफनाया।
कोर्ट के आदेश पर कब्र खोदने के बाद अब सवाल यह है कि नाजिया को साढ़े चार महीने बाद क्यों निकाला गया। तो इसका जवाब यह है कि जब नाजिया को इस कब्रिस्तान में दफनाया गया तो उसकी मौत हो गई। लेकिन अब जब उसे बाहर निकाल लिया गया है तो उसे मार दिया गया है। और इस हत्या के रहस्य को सुलझाने के लिए, अदालत के इन प्रतिनिधियों के सामने कब्र खोदी गई।
होटल में साली के साथ रेप अब आपको पूरी कहानी बताते हैं। मऊ के घोसी कोतवाली की रहने वाली नाजिया खातून की शादी करीब साढ़े चार साल पहले अयूब से हुई थी। शादी के बाद पीड़िता अक्सर अपनी बहन के घर जाती थी। नाजिया पिछले साल गर्भवती थी। इसी बीच एक दिन अय्यूब नाजिया की बहन यानी अपनी साली को बहाने से एक होटल में ले गया और वहां उसके साथ जबरदस्ती की। इतना ही नहीं, उन्होंने उस पल की तस्वीरें भी अपने मोबाइल फोन में कैद कर लीं। इसके बाद उसने धमकी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो वह उसकी तस्वीरें वायरल कर देगा और उसके परिवार वालों को बेइज्जत कर देगा। नाजिया की बहन परिवार को शर्मिंदा होने के डर से चुप रही।
नाजिया ने अपने पति की हरकतें अपनी आंखों से देखीं, क्योंकि नाजिया गर्भवती थी। इसलिए नाज़िया की बहन उनकी मदद करने के लिए कुछ समय के लिए उनके घर पर रही। इस दौरान कई बार उसे अकेला पाकर अयूब ने उसे ब्लैकमेल किया और उसके साथ दोबारा जबरदस्ती की। 30 नवंबर 2024 को अयूब एक बार फिर अपनी पत्नी के साथ अपने ही घर में जबरदस्ती कर रहा था। फिर नाजिया ने यह सब अपनी आंखों से देखा। नाजिया ने अपने पति को धमकी दी। नाजिया की बहन ने उसे ब्लैकमेलिंग और जबरदस्ती के बारे में बताया। इसके बाद 30 नवंबर 2024 को पीड़िता अयूब और उसकी मां ने मिलकर पहले नाजिया को बुरी तरह पीटा और फिर उसे जमीन पर पटक दिया। नाजिया की उसी दिन मृत्यु हो गई थी।
नाजिया की मौत के बाद लड़की पर शादी का दबाव बढ़ने पर नाजिया की बहन धमकियों के डर से घर लौट आई, लेकिन उसने किसी को यह सच्चाई नहीं बताई। शायद वह चुप रहती, लेकिन नाजिया की मौत के एक महीने बाद ही अयूब ने उस पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया। वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई। इस धमकी के बाद नाजिया की बहन 1 फरवरी 2025 को घोसी कोतवाली पहुंची और वहां अयूब और उसके परिवार के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई। रिपोर्ट में नाजिया के साथ जबरदस्ती करने और उसकी हत्या करने की बात बार-बार कही गई।
हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही इस रिपोर्ट के बाद पुलिस ने अयूब को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन अजीब बात यह है कि शिकायत की जांच करने के बाद जांच अधिकारी ने बाकी सभी धाराएं तो लगा दीं लेकिन अय्यूब के खिलाफ नाजिया की हत्या की धारा नहीं लगाई। पीड़ित और उसके परिवार ने अय्यूब के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर कई बार थाने पहुंचे। लेकिन अजीब बात यह है कि घोसी पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही अयूब को हत्या के मामले में क्लीन चिट दे दी। पुलिस ने बताया कि मामला हत्या का नहीं है। जब तक लाशें न हों पोस्टमार्टम के बाद पुलिस इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही पुलिस से निराश होकर पीड़ित परिवार ने फिर से अपने वकील से संपर्क किया। परिवार इस बात पर तैयार था कि यदि हत्या का मामला दर्ज करने के लिए आवश्यक हो तो नाजिया का शव कब्र से निकालने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद पीड़िता के वकील ने मऊ जिला न्यायालय में अर्जी दाखिल की। मऊ अदालत के इसी आदेश के बाद 13 अप्रैल को नाजिया का शव कब्र से निकाला गया। अदालत के फैसले के अनुसार नाजिया का पोस्टमार्टम कराया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसी अदालत में पेश की जानी है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बदल गई नाजिया की कब्र में एक आखिरी चीज बदल गई, साढ़े चार महीने बाद नाजिया को 30 घंटे बाद कब्र से बाहर निकाला गया। लेकिन जब 30 घंटे बाद उसे दोबारा दफनाया गया तो कब्र बदल चुकी थी। इस बार नाजिया को नई कब्र में दफनाया गया। यह कब्र नाजिया के पड़ोस के कब्रिस्तान में थी। और इस बार उनके अंतिम संस्कार में केवल उनके परिवार के सदस्य ही शामिल हुए। अय्यूब या उनके परिवार के किसी भी सदस्य को यहां आने की इजाजत नहीं दी गई।
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