राजस्थान के अलवर जिले में अरावली की तलहटी में स्थित भानगढ़ किला भारत की सबसे डरावनी और रहस्यमयी जगह मानी जाती है। दिन ढलते ही यह किला वीरान हो जाता है और सूर्यास्त के बाद यहां किसी को रुकने की इजाजत नहीं होती। लेकिन अब एक नया और चौंकाने वाला दावा सामने आया है- गांव वालों का कहना है कि किले से आज भी रात में चीखने-चिल्लाने की आवाजें आती हैं और वो भी इतनी तेज कि गांव तक पहुंच जाती हैं। यह दावा महज अफवाह नहीं है, क्योंकि हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में स्थानीय ग्रामीणों ने कैमरे के सामने जो बताया वो रोंगटे खड़े कर देने वाला है।
क्या कहता है वीडियो? गांव वालों का चश्मदीद बयान
इस वीडियो में भानगढ़ के पास के गांव गोलाकाबास और भानगढ़ बॉर्डर के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि हर पूर्णिमा और अमावस्या की रात किले की तरफ से महिलाओं के चीखने, हंसने, रोने और जोर-जोर से भागने की आवाजें आती हैं। कई बार तो ऐसा लगता है जैसे कोई भारी चीज जमीन पर घसीटी जा रही हो।
वीडियो में एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा:
"हम बचपन से ही ये सब सुनते आ रहे हैं। रात में जब हवा शांत होती है, तो ये आवाज़ें और भी साफ़ सुनाई देती हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे कोई हमारे दरवाज़े पर आया है, लेकिन जब हम बाहर निकलते हैं - तो कोई नहीं होता।"
भानगढ़ का रहस्यमय इतिहास
भानगढ़ किले का इतिहास इसकी रातों की तरह ही रहस्यमय है। कहा जाता है कि इस किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में आमेर के राजा भगवंत दास ने करवाया था। यह इलाका कभी एक समृद्ध शहर था, लेकिन कुछ ही सालों में पूरा इलाका वीरान हो गया। लोककथाओं के अनुसार, एक तांत्रिक सिंधु सेवड़ा ने रानी रत्नावती पर मोहित होकर उन पर काला जादू करने की कोशिश की थी। लेकिन रानी उसकी चाल समझ गई और तांत्रिक की मौत हो गई। मरते समय उसने पूरे भानगढ़ को श्राप दिया कि यह शहर कभी आबाद नहीं होगा। और वाकई, कुछ समय बाद पूरा शहर वीरान हो गया।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की चेतावनी
आज भी किले के बाहर एएसआई द्वारा लगाया गया एक बोर्ड देखा जा सकता है, जिस पर लिखा है: "सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले किले में प्रवेश वर्जित है।" यह चेतावनी बिना किसी कारण के नहीं दी गई थी। पिछले कुछ सालों में यहां कई तरह की अपसामान्य गतिविधियों की खबरें आती रही हैं। कई लोग जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया और रात में किले में प्रवेश किया, वे लापता या मानसिक रूप से असंतुलित पाए गए।
वैज्ञानिकों और खोजकर्ताओं के लिए भी एक अनसुलझा रहस्य
कई वैज्ञानिकों और अपसामान्य विशेषज्ञों ने भानगढ़ की सच्चाई जानने की कोशिश की, लेकिन आज तक कोई ठोस वैज्ञानिक कारण नहीं मिल पाया है। कई बार यहां लगे कैमरे अपने आप बंद हो जाते हैं, मोबाइल नेटवर्क काम करना बंद कर देता है और तापमान में अचानक गिरावट आ जाती है। ये सभी चीजें इस जगह को और भी रहस्यमयी बनाती हैं।
ग्रामीणों की दिनचर्या में भूत-प्रेतों का असर!
ग्रामीणों का मानना है कि किले से जुड़ी आत्माएं रात में भटकती हैं, इसलिए वे शाम के बाद घर से बाहर नहीं निकलते। उन्होंने अपने बच्चों को भी सख्त हिदायत दी है कि वे अंधेरा होने के बाद किले में न जाएं। कुछ लोगों ने काली परछाइयाँ, उड़ती हुई वस्तुएँ और बिना शरीर के चलते हुए पैर देखने की बात कही है।
क्या वाकई डर के पीछे कुछ है?
कई लोग इन कहानियों को मानसिक भ्रम या डर का नतीजा मानते हैं, लेकिन इस इलाके में रहने वालों के लिए यह डर हकीकत बन चुका है। वीडियो में ग्रामीणों की आँखों में जो डर दिख रहा है, वह बनावटी नहीं लगता। कई बार विज्ञान के दायरे से बाहर की बातें भी सच होती हैं—और शायद भानगढ़ उनमें से एक है।
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