हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता और बुद्धि के देवता माना गया है। जीवन में जब भी कोई बाधा आती है, लोग सबसे पहले गणपति बप्पा को याद करते हैं। चाहे वैवाहिक जीवन में कलह हो, करियर में रुकावट हो या गंभीर बीमारियों का संकट, श्रद्धालु मानते हैं कि भगवान गणेश की स्तुति करने से सब कुछ मंगलमय हो जाता है। इन्हीं में से एक शक्तिशाली और चमत्कारी स्तोत्र है श्री गणेशाष्टकम् स्तोत्रम्, जिसका पाठ करने से जीवन के तमाम दुख-दर्द दूर होते हैं।
क्या है श्री गणेशाष्टकम् स्तोत्रम्?‘अष्टक’ का अर्थ है आठ श्लोकों का संग्रह। श्री गणेशाष्टकम् स्तोत्रम् आठ मंत्रों या श्लोकों का एक ऐसा दिव्य स्तोत्र है, जिसमें भगवान गणेश की महिमा, उनके स्वरूप और आशीर्वाद का वर्णन किया गया है। कहा जाता है कि इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में अड़चनें धीरे-धीरे दूर हो जाती हैं और हर क्षेत्र में सफलता मिलने लगती है।
वैवाहिक जीवन में क्यों लाभकारी है?आज के समय में कई दंपति वैवाहिक कलह से गुजरते हैं। आपसी समझ की कमी, तनाव, आर्थिक दिक्कतें या पारिवारिक दबाव रिश्तों में खटास डाल देते हैं। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि श्री गणेशाष्टकम् स्तोत्रम् का पाठ करने से पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेल बढ़ता है। भगवान गणेश के आशीर्वाद से घर में शांति आती है और रिश्तों में प्यार और मधुरता का संचार होता है।
गंभीर बीमारियों से मुक्ति का मार्गशास्त्रों में भगवान गणेश को आयु और स्वास्थ्य का रक्षक भी बताया गया है। श्री गणेशाष्टकम् स्तोत्रम् का पाठ न केवल मानसिक शांति देता है बल्कि शारीरिक कष्टों से भी छुटकारा दिलाने वाला माना जाता है। कई श्रद्धालु मानते हैं कि नियमित रूप से यह स्तोत्र पढ़ने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और गंभीर बीमारियों में भी धीरे-धीरे सुधार आने लगता है।
धन और करियर में सफलताश्री गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता कहा जाता है। करियर या व्यवसाय में जब रुकावट आती है, तो गणेशाष्टकम् स्तोत्रम् का जप करने से मार्ग प्रशस्त होता है। छात्र-छात्राओं के लिए यह स्तोत्र विशेष रूप से लाभकारी माना गया है क्योंकि इससे एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है। वहीं नौकरी या व्यापार में आ रही समस्याएं भी धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं।
पाठ करने की विधि-
श्री गणेशाष्टकम् स्तोत्रम् का पाठ सुबह स्नान के बाद साफ मन से करना चाहिए।
-
गणपति बप्पा की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और धूप जलाकर शुरुआत करें।
-
कम से कम 11 बार या 21 बार इस स्तोत्र का पाठ करने की परंपरा है।
-
बुधवार और चतुर्थी के दिन यह पाठ विशेष फलदायी माना गया है।
आधुनिक जीवनशैली में तनाव और चिंता हर किसी के जीवन का हिस्सा बन चुकी है। ऐसे में श्री गणेशाष्टकम् स्तोत्रम् का पाठ मन को शांति देता है। यह ध्यान और भक्ति दोनों का संगम है, जिससे न केवल आत्मविश्वास बढ़ता है बल्कि मानसिक उलझनें भी कम होती हैं।
You may also like
थराली में दुकानों व मकानों से मलबा हटाने के कार्य में आई तेजी
DSSSB सहायक अधीक्षक (पोस्ट कोड: 111/23) परिणाम 2025 की घोषणा
50MP कैमरा और 45W चार्जिंग : Poco X7 देगा Moto G35 को टक्कर?
राजस्थान आरएसएमएसएसबी ऊपरी प्राथमिक स्कूल शिक्षक 2022 (एसएसटी) अंतिम परिणाम जारी
Naval Dockyard Recruitment 2025: नोटिफिकेशन जारी, 286 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन करें