घाव जितने पुराने होते हैं, उतने ही दर्दनाक होते हैं। ऐसे में कई लोग भावनात्मक रूप से इतने मजबूत नहीं होते कि वे उन यादों से छुटकारा पा सकें और ऐसे में वे जीवन भर इन यादों को ढोते रहते हैं। कुछ लोग उन यादों से इतने बुरी तरह प्रभावित हो जाते हैं कि उनका मानसिक और व्यवहार भी उन यादों की तरह अशांत और कड़वा रहता है। लेकिन अगर आप भावनात्मक स्थिरता चाहते हैं, बेहतर जीवन चाहते हैं, तो जरूरी है कि आप यादों से छुटकारा पाएं। आइए जानते हैं इसके लिए आपको क्या करना चाहिए...
अपनी चेतना का इस्तेमाल करें- कई बार हम अपनी चेतना का इस्तेमाल नहीं करते और उस दुख में बंधे घूमते रहते हैं। अगर आप उन दुखों से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो यह समझना जरूरी है कि आप उन भावनाओं से वाकिफ हैं, ताकि आप उसका समाधान ढूंढ सकें। आपकी चेतना आपको यह समझने में मदद करेगी कि दुख आपका जीवन नहीं है, लेकिन आपको इसे पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए। आपकी चेतना आपको यह समझने में भी मदद करेगी कि जिन लोगों को आप अपने दुख के लिए जिम्मेदार मानते हैं, वे अपने कर्मों से बंधे हैं और आपकी आत्मा को उन कर्मों से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
स्वीकार करें: सबसे पहले, यह स्वीकार करना ज़रूरी है कि ये यादें हैं और ये आपको परेशान कर रही हैं। इन्हें दबाने की कोशिश करने से ये और भी मज़बूत हो सकती हैं और आपके अवचेतन मन में जड़ें जमा सकती हैं। फिर चाहे आपको वो दुख हमेशा याद रहें या न रहें, वे आपके सपनों में, आपके व्यवहार में आते रहेंगे।
माइंडफुलनेस और मेडिटेशन: माइंडफुलनेस और मेडिटेशन तकनीक आपको वर्तमान में रहने और नकारात्मक विचारों से दूर रहने में मदद कर सकती हैं।
सकारात्मक गतिविधियाँ: खुद को ऐसी गतिविधियों में व्यस्त रखें जो आपको खुश करती हैं, जैसे शौक, खेल, या दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना। अपनी भावनाओं और विचारों को लिखना उन्हें समझने और उनसे निपटने का एक अच्छा तरीका हो सकता है। अगर आप किसी से बहुत दुखी हैं, तो आपको कुछ समय के लिए उनसे दूरी बना लेनी चाहिए लेकिन याद रखें कि दूरी बनाना समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि आपको इसका समाधान खोजना होगा।
स्वस्थ जीवनशैली: नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और पर्याप्त नींद भी मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
खुद को माफ़ करना सीखें: जब अतीत आपको परेशान करता है, तो आप उस पर विचार करके सिर्फ़ खुद को चोट पहुँचा रहे होते हैं, न कि उस व्यक्ति को जिसे आप इसके लिए ज़िम्मेदार मानते हैं। इसलिए, क्षमा करने की भावना विकसित करें और दूसरों के साथ-साथ खुद को भी क्षमा करना सीखें। क्षमा करने के बाद आप किसी भी दुख के बोझ से मुक्त हो जाएंगे और आपके लिए आगे बढ़ना आसान हो जाएगा।
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