पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानियों को वापस भेजने का आदेश जारी किया है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी करीब 1800 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं, जिन्हें अब वापस जाना होगा। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों के देश छोड़ने के फैसले ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वर्तमान में लोग स्वयं ही वापस लौटने लगे हैं। वापसी की समय सीमा समाप्त होने के बाद, जो लोग पाकिस्तान नहीं लौटेंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेशानुसार पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की कार्रवाई की जाएगी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में करीब 1800 पाकिस्तानी नागरिक हैं, जो कुछ साल पहले वीजा पर आए थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। उन्होंने सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन भी नहीं किया है। इसमें पाकिस्तान से आये हिन्दू शामिल नहीं हैं। पाकिस्तान से आने वाले बड़ी संख्या में हिंदुओं ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है।
बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक अल्पकालिक और दीर्घकालिक वीजा पर यहां आते-जाते हैं, जिनका रिकॉर्ड केंद्रीय खुफिया एजेंसियां और गृह विभाग रखता है। नियमों के अनुसार पाकिस्तान से आने वाले हर व्यक्ति को जिले के एसपी के पास पंजीकरण कराना होता है। वहीं, आईबी के अंतर्गत विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) इसका समन्वय करता है। केंद्र सरकार के हालिया फैसले के बाद स्थानीय खुफिया इकाई सभी जिलों में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों का ब्योरा जुटा रही है। ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। उदाहरण के लिए, बरेली में 35, बुलंदशहर में 18, वाराणसी में 10 और रामपुर में 30 पाकिस्तानी नागरिक हैं।
उत्तर प्रदेश में हजारों मुस्लिम परिवारों के पाकिस्तानी नागरिकों से संबंध हैं। ऐसे में जब वीजा अवधि समाप्त हो जाती है तो वे छिप जाते हैं या अपनी पहचान बदल लेते हैं। हाल ही में बरेली में एक मां और बेटी को सरकारी शिक्षक की नौकरी से इसलिए बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि वे पाकिस्तानी नागरिक थीं और उनके खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया। वीजा समाप्त होने के बाद भी यदि व्यक्ति वापस नहीं आता है तो पुलिस कार्रवाई करती है, लेकिन कानूनी पेचीदगियों के कारण लोग पलायन करते रहते हैं।
नेपाल मार्ग का उपयोग किया जाता है।
अधिकांश पाकिस्तानी बिना वीज़ा के भारत में प्रवेश करने के लिए नेपाल मार्ग का उपयोग करते हैं। इसमें सीमा हैदर भी शामिल हैं, जो हाल ही में नेपाल के रास्ते नोएडा आई थीं। हालांकि, अधिकारियों का मानना है कि उनकी संख्या बांग्लादेशी नागरिकों से अधिक नहीं है। चूंकि कई घुसपैठियों ने भारतीय नागरिकता के दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं, इसलिए उनकी पहचान करना आसान नहीं है।
You may also like
गाड़ी नंबर डालकर ऑनलाइन ऐसे चेक करें अपना चालान और तुरंत करें भुगतान, ये है आसान प्रोसेस‟ ⤙
2025 Royal Enfield Hunter 350 Launched at ₹1.49 Lakh: New Features, Colors, and Updates
जींद की मंडियों में नहीं कोई सुविधा,किसानों व मजदूरों ने मंत्री को बताई समस्या
केएसएसएमएससी 2025: शम्भवी क्षीरसागर ने एयर राइफल में दोहरा स्वर्ण पदक जीता
राजगढ़ः ट्रेक्टर के पहिए की चपेट में आने से बालक की मौत, जांच शुरु