अगर आप ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अब पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। फेक पेमेंट ऐप्स तेजी से बढ़ रहे हैं, और ये ऐप्स असली पेमेंट ऐप्स की तरह दिखते हैं। इन ऐप्स का यूजर इंटरफेस, डिजाइन और ट्रांजेक्शन प्रोसेस असली ऐप्स जैसा होता है, जिससे इनकी पहचान करना बहुत मुश्किल हो जाता है। कुछ ऐप्स तो ट्रांजेक्शन के फेक नोटिफिकेशन और साउंड भी प्ले करते हैं, जिससे यूजर को यह महसूस होता है कि पेमेंट सफल हो गया है। ऐसे ऐप्स खासतौर पर दुकानदारों को टारगेट करते हैं, जहां जल्दी-जल्दी और भीड़-भाड़ के माहौल में ठगी की जाती है।
फेक पेमेंट ऐप्स कैसे काम करते हैं?फेक पेमेंट ऐप्स देखने में बिल्कुल असली पेमेंट ऐप्स जैसे होते हैं। इनमें रंग, डिजाइन, लेआउट, और ट्रांजेक्शन प्रोसेस भी वही होता है। पहली नजर में इन ऐप्स की पहचान करना काफी मुश्किल होता है। कुछ ऐप्स पेमेंट के फेक बीप या नोटिफिकेशन साउंड भी बजाते हैं, जिससे यूजर को यह महसूस होता है कि पेमेंट हो चुका है। ये ऐप्स दुकानदारों को खासतौर पर निशाना बनाते हैं, क्योंकि दुकानदारों के पास ज्यादा समय नहीं होता और वे जल्दी-जल्दी ट्रांजेक्शन पूरा करना चाहते हैं।
फेक पेमेंट ऐप्स से बचने के आसान तरीकेस्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें: जब भी पेमेंट कन्फर्म होने का दावा किया जाए, तो सिर्फ स्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें। हमेशा अपने बैंक अकाउंट या असली पेमेंट ऐप की ट्रांजेक्शन हिस्ट्री चेक करें।
गलतियों को पकड़ें: फेक ऐप्स में अक्सर कुछ बारीक गलतियां होती हैं, जैसे गलत ट्रांजेक्शन ID, अस्पष्ट टेक्स्ट या नोटिफिकेशन का अलग स्टाइल, जिसे आसानी से पकड़ा जा सकता है।
जल्दबाजी से बचें: अगर किसी व्यक्ति ने पेमेंट किया है और तुरंत सामान ले जाने की कोशिश कर रहा है, तो वेरीफिकेशन का टाइम न दे रहा हो, तो यह एक बड़ा संकेत हो सकता है। ऐसे में सतर्क रहें और ट्रांजेक्शन को अच्छे से चेक करें।
अनजाने ऐप्स से अलर्ट रहें: अगर कोई नया या अनजाना पेमेंट ऐप इस्तेमाल कर रहा है, तो उसकी पुष्टि करें और यह सुनिश्चित करें कि वह ऐप असली है।
आजकल दुकानदार फेक पेमेंट ऐप्स के सबसे बड़े शिकार बन रहे हैं। इन ऐप्स की पहचान करना और सुरक्षित रहना उनके लिए खासतौर पर जरूरी है। इसके लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं:
स्टाफ को ट्रेन करें: दुकानदारों को यह बताना जरूरी है कि पेमेंट कन्फर्म होने के बाद ही प्रोडक्ट देना चाहिए। स्टाफ को पेमेंट के कन्फर्मेशन पर ध्यान देने के लिए ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
वेरीफिकेशन जरूरी: फोनपे जैसे ऐप्स के स्मार्ट स्पीकर या SMS अलर्ट के आने तक रुकें। फेक ऐप्स यह अलर्ट ट्रिगर नहीं कर सकते, इसलिए इन अलर्ट्स को चेक करना महत्वपूर्ण है।
संदिग्ध केस की रिपोर्ट करें: अगर किसी ने फेक पेमेंट किया है या ऐप फेक लग रहा है, तो तुरंत इसे रिपोर्ट करें। फेक पेमेंट को पहचानकर उसे रोकना जरूरी है।
फोनपे, जो एक प्रमुख ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म है, लगातार फेक ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। कंपनी ने मद्रास हाईकोर्ट से 'John Doe' ऑर्डर भी पास करवाया है, ताकि सोशल मीडिया पर दिखने वाले फेक ऐप्स को हटाया जा सके। इसके अलावा, यदि आप फोनपे से जुड़ी किसी भी फेक पेमेंट या फ्रॉड के शिकार हुए हैं, तो आप इन नंबरों पर तुरंत संपर्क कर सकते हैं:
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080-68727374 या 022-68727374 पर कॉल करें।
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cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
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साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
फेक पेमेंट ऐप्स एक बढ़ती हुई समस्या बनते जा रहे हैं, जो न केवल यूजर्स को बल्कि दुकानदारों को भी अपना शिकार बना रहे हैं। इन ऐप्स से बचने के लिए आपको सतर्क रहना जरूरी है। सही पेमेंट ऐप्स का इस्तेमाल करें, और किसी भी संदिग्ध ऐप से बचें। साथ ही, अपने पेमेंट कन्फर्मेशन की हमेशा जाँच करें और कोई भी शक होने पर तुरंत रिपोर्ट करें।
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