राजस्थान को आमतौर पर रेगिस्तान, ऊँट और तपती गर्मी के लिए जाना जाता है। लेकिन इसी राज्य में एक ऐसी जगह भी है, जो हरियाली, ठंडी हवाओं और पहाड़ियों के लिए मशहूर है – माउंट आबू। यही वजह है कि माउंट आबू को अक्सर "राजस्थान का कश्मीर" कहा जाता है। तो आखिर क्या है इस एकमात्र हिल स्टेशन की खासियत, जो इसे रेगिस्तान के बीच एक हरे-भरे स्वर्ग में बदल देती है? आइए जानते हैं इस ख़ास रिपोर्ट में।
माउंट आबू की भौगोलिक खासियत
माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है, जो अरावली पर्वतमाला में स्थित है। यह सिरोही जिले में आता है और समुद्र तल से लगभग 1,220 मीटर (4,003 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यहाँ का तापमान गर्मियों में भी 23–25 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा नहीं जाता, और सर्दियों में यह 4–5 डिग्री तक गिर जाता है। ऐसे में जब राजस्थान के बाकी हिस्सों में भीषण गर्मी होती है, तब माउंट आबू में ठंडक और राहत मिलती है।यह ठंडा और सुहाना मौसम, घने जंगल, झीलें और पहाड़ – माउंट आबू को बाकी राजस्थान से बिल्कुल अलग बना देते हैं।
प्राकृतिक सुंदरता और हरियाली
रेगिस्तानी धरती में हरियाली का जो टुकड़ा माउंट आबू में दिखता है, वह आश्चर्यचकित कर देता है। यहां माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य है, जो कई तरह के वन्य प्राणी, पक्षियों और दुर्लभ पेड़-पौधों का घर है। सालभर ठंडी हवाएं और मानसून में घने बादलों से ढकी घाटियां इस जगह को किसी स्वर्ग जैसा बना देती हैं।
यहाँ की प्रमुख प्राकृतिक जगहें हैं:
नक्की झील – माउंट आबू की सबसे प्रसिद्ध और सुंदर झील, जो पहाड़ियों से घिरी हुई है।
गुरु शिखर – अरावली की सबसे ऊँची चोटी, जहाँ से पूरे क्षेत्र का 360 डिग्री दृश्य दिखाई देता है।
टॉड रॉक, सनसेट पॉइंट, और हनीमून पॉइंट – ये पर्यटन स्थल माउंट आबू की रोमांटिक छवि को मजबूत करते हैं।
ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व
माउंट आबू सिर्फ प्राकृतिक खूबसूरती ही नहीं, बल्कि धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
दिलवाड़ा जैन मंदिर – संगमरमर की नक्काशी का बेजोड़ नमूना, जिसे 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच बनाया गया था। यह जैन धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र तीर्थ है और वास्तुकला प्रेमियों के लिए अद्भुत चमत्कार।
अचलगढ़ किला और मंदिर, अरबली माता मंदिर, और ब्रह्मकुमारी आध्यात्मिक विश्वविद्यालय – ये सभी माउंट आबू को धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र बनाते हैं।
मानसून में स्वर्ग, गर्मियों में राहत
मॉनसून में माउंट आबू की वादियां हरियाली से भर जाती हैं। झरने बहने लगते हैं, कोहरे में लिपटी सड़कें और बादलों के बीच सूरज की किरणें यहां का दृश्य अद्वितीय बना देती हैं। वहीं गर्मियों में, जब राजस्थान के शहरी क्षेत्र चिलचिलाती गर्मी से तप रहे होते हैं, तब माउंट आबू 20–25 डिग्री सेल्सियस पर बना रहता है। इसलिए यह राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के पर्यटकों के लिए गर्मियों की पहली पसंद होता है।
पहुँच और सुविधाएं
माउंट आबू तक पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अबू रोड है, जो यहां से लगभग 28 किमी दूर है। यहाँ से टैक्सी और बसें आसानी से उपलब्ध रहती हैं। सड़क मार्ग से यह जगह जयपुर, अहमदाबाद और उदयपुर से जुड़ी हुई है।यहाँ बजट से लेकर लग्ज़री होटल, रेसॉर्ट, गेस्टहाउस और धर्मशालाएं उपलब्ध हैं, जो हर वर्ग के पर्यटक की ज़रूरत को पूरा करती हैं।
क्यों कहा जाता है "राजस्थान का कश्मीर"?
ठंडा मौसम और हरियाली – रेगिस्तानी राज्य में यह दुर्लभ दृश्य है।
हिल स्टेशन का एहसास – ऊँचाई, वादियाँ, झील और कोहरा एक हिल स्टेशन की अनुभूति देते हैं।
प्राकृतिक, धार्मिक और रोमांटिक स्थल – ये सब मिलकर माउंट आबू को एक परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाते हैं।
परिवार और कपल्स दोनों के लिए मुफ़ीद – यहां रोमांस और आध्यात्म दोनों का संगम है।
निष्कर्ष
माउंट आबू सिर्फ राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के सबसे सुंदर, शांत और शुद्ध वातावरण वाले हिल स्टेशनों में से एक है। इसके ठंडे मौसम, घने जंगल, धार्मिक महत्व और सुरम्य झीलों के कारण इसे "राजस्थान का कश्मीर" कहा जाता है। यह जगह प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर का आदर्श संगम है। अगर आपने अब तक माउंट आबू की वादियों में समय नहीं बिताया, तो यह जरूर आपके अगले ट्रैवल डेस्टिनेशन में होना चाहिए।
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