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'खाने को दाने नहीं पर दिखावा पुरा' पाकिस्तानियों ने पीएसएल के हीरो बने क्रिकेटर को गिफ्ट किया गोल्डन आईफोन

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क्रिकेट न्यूज डेस्क।। सिकंदर रजा ने 2025 में बर्मिंघम से लाहौर तक 24 घंटे की अविश्वसनीय यात्रा करके एक पेशेवर क्रिकेटर के जीवन का एक आदर्श उदाहरण पेश किया। जिम्बाब्वे में एक टेस्ट मैच खेलने के साथ शुरू हुई यात्रा पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के फाइनल में लाहौर कलंदर्स के लिए विजयी रन बनाने के साथ समाप्त हुई। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच की हार के बाद रजा तुरंत पीएसएल फाइनल खेलने के लिए लाहौर चले गए। उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और टीम को जीत दिलाई। इसके बाद एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उन्हें सोने का आईफोन गिफ्ट किया जा रहा है।

वीडियो में दिख रहा है कि टीम प्रबंधन का एक व्यक्ति उन्हें उपहार में आईफोन देता है। जब उसने बक्सा खोला तो वह खाली था। इस मजाक के बाद अचानक माहौल थोड़ा अजीब हो जाता है। सिकंदर रजा को इसकी उम्मीद नहीं थी। जब व्यक्ति को इस बात का अहसास होता है तो वह थोड़ा शर्मिंदा महसूस करता है और फिर वह माफी मांगता है और सुनहरे आईफोन का एक और पैकेट देता है और लोग तालियां बजाने लगते हैं। यह बात थोड़ी अजीब लगती है, क्योंकि पाकिस्तान भुखमरी की कगार पर है और फिर भी वहां के लोग अपना तमाशा बंद नहीं कर रहे हैं।

वायरल वीडियो को कैप्शन देते हुए यूजर ने लिखा- इस फ्रेंचाइजी को बंद करना होगा। इस वीडियो में फखर जमान और शाहीन अफरीदी भी थे। आपको बता दें कि इस सीजन में कराची किंग्स ने जेम्स विंस को हेयर ड्रायर गिफ्ट किया था। उस समय पाकिस्तान का व्यापक रूप से उपहास किया गया था।

दरअसल, इंग्लैंड के नॉटिंघम में बेन स्टोक्स की टीम के खिलाफ जिम्बाब्वे की दूसरी पारी में 60 रन पर आउट होने के बाद रजा का लक्ष्य जल्द से जल्द लाहौर पहुंचना था। वह अपनी टीम कलंदर्स के लिए खेलना चाहते थे। इससे पहले, रजा इंग्लैंड से आए थे और उन्होंने कलंदर्स को नॉकआउट तक पहुंचने में मदद की थी। रजा ने पहले दुबई के लिए इकॉनमी फ्लाइट ली। उसे वहां छह घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इसके बाद वह अबू धाबी से लाहौर चले गए। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने टीम को खिताब दिलाया।

जब शाहीन अफरीदी ने टॉस के समय पीएसएल फाइनल के लिए प्लेइंग इलेवन में रजा के नाम की घोषणा की, तब रजा अभी भी गद्दाफी स्टेडियम की ओर जा रहे थे। जाल्मी टीवी ने सिकंदर रज़ा के लाहौर कलंदर्स में दोबारा शामिल होने की कहानी साझा की। मैच के बाद रजा ने कहा- मैं यहां एक काम करने आया था और भले ही हम मैच हार जाते, कम से कम मेरे दिल में यह बात होती कि मैं अपने भाइयों के साथ हूं।

उन्होंने आगे कहा- मुझे पता है कि टीम वास्तव में मुझे यहां चाहती थी। यह देखना अविश्वसनीय है कि मालिकों और कप्तानों ने मुझे यहां तक पहुंचाने के लिए पिछले 24-36 घंटों में कितनी कड़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा- मैंने कल 25 ओवर गेंदबाजी की और 20 ओवर बल्लेबाजी की। रात्रि भोजन बर्मिंघम में, नाश्ता दुबई में, दोपहर का भोजन अबू धाबी में और रात्रि भोजन पाकिस्तान में किया। मुझे लगता है कि एक पेशेवर क्रिकेटर का जीवन ऐसा ही होता है, और मैं सचमुच बहुत खुशकिस्मत और धन्य महसूस करता हूं कि मुझे ऐसा जीवन जीने का मौका मिला।

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