नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड धन शोधन मामले में दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस की शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने शुक्रवार को कहा कि आरोपपत्र पर संज्ञान लेते समय दोनों नेताओं को अपना पक्ष रखने का पूरा अधिकार है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 8 मई तय की है।
न्यायाधीश ने दी दलील:
जज गोगने ने कहा, “किसी भी स्तर पर पक्ष रखने का अधिकार निष्पक्ष सुनवाई की आत्मा है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोपों पर आगे बढ़ने से पहले संबंधित पक्षों को सुनना न्यायिक प्रक्रिया का अहम हिस्सा है।
ईडी ने दाखिल किया आरोपपत्र:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था। ईडी ने 2021 में जांच शुरू की थी, जो कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 26 जून 2014 को दायर एक निजी शिकायत पर आधारित है। शिकायत में कांग्रेस नेताओं पर एक “आपराधिक साजिश” रचने का आरोप लगाया गया था।
2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर विवाद:
ईडी का कहना है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस और अन्य ने मिलकर यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से जुड़ी 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों का अनुचित अधिग्रहण किया। यंग इंडियन के 38-38 प्रतिशत शेयर सोनिया और राहुल गांधी के पास हैं।
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