– दिल्ली के बाजारों को दूसरे स्थानों पर ले जाने की कोई योजना नहीं, बाजारों के पुनर्विकास करने की योजना हो रहा काम
नई दिल्ली, 23 जुलाई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार व्यापारियों के हितों और उनके व्यापार को सुगम बनाने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। व्यापारियों की समस्याओं को सुलझाने और उन्हें भयमुक्त व्यापार करने की दिशा में ही सरकार ने ‘दिल्ली ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड’ का गठन किया है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में राजधानी के व्यापारिक संगठन भारतीय उद्योग मंडल के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि उनकी सरकार दिल्ली के कारोबारी चरित्र को यथावत रखते हुए उनको उचित सुविधाएं देने के लिए भी कई योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाजारों को दूसरे स्थानों पर ले जाने की कोई योजना नहीं है। हम चाहते हैं कि दिल्ली का कारोबार खूब फले-फूले उससे दिल्ली का रेवेन्यू बढ़ेगा जो दिल्ली के विकास में काम आएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि पुरानी दिल्ली के बाजारों के विकास को लेकर हमारी सरकार ब्लू प्रिंट तैयार करने में जुट गई है। हम यहां के बाजारों का पुनर्विकास करने की योजना पर काम कर रहे हैं। पुरानी दिल्ली में दुकानें, छोटे गोदाम और ऑफिस यहीं पर रहे। उनके सामान के स्टोरेज के लिए दिल्ली के बाहरी इलाकों में वेयरहाउस व बड़े गोदाम बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि पहले की सरकारों ने दिल्ली के कारोबारियों का शोषण किया है और दिल्ली के बाजारों का चरित्र बिगाड़ने में लगातार षडयंत्र किए। हमारी सरकार ने व्यापारियों के लिए ‘दिल्ली ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड’ बनाया है, जिसमें व्यापारियों को भी शामिल किया है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी जानकारी दी कि इस बोर्ड के 15 सदस्यों में 9 सदस्य व्यापारी वर्ग से लिए गए हैं। इस बोर्ड का उद्देश्य व्यापारी समुदाय को सशक्त बनाने, उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने तथा उनके व्यापार को अधिक सुविधा संपन्न बनाने के लिए किया गया है। यह वैधानिक बोर्ड सरकार व व्यापारियों के बीच पुल का काम करेगा। उन्होंने कहा कि यह बोर्ड एक संस्था नहीं बल्कि सरकार का अपने व्यापारियों पर भरोसा है। यह बोर्ड केवल नीतिगत योजनाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्राकृतिक आपदा, आग, बाढ़ जैसी आपात स्थितियों में व्यापारियों को राहत और मुआवजे पर विचार करेगा। इसके माध्यम से सरकार को व्यापारिक क्षेत्र के अनुभवी लोगों की सलाह और सहयोग समय पर प्राप्त होगा। इससे नीतियों को अधिक व्यावहारिक और लाभकारी रूप में लागू किया जा सकेगा।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
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