कोलकाता, 08 अप्रैल . कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में हुई एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का निर्देश दिया है. अदालत का यह आदेश 2023 में हुई उस घटना के संदर्भ में आया है, जिसमें पुलिसकर्मियों पर व्यक्ति को उसके घर से जबरन उठाकर ले जाने का आरोप लगा था.
न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने इस मामले में निष्पक्ष और विस्तृत जांच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय सुनाया. यह हस्तक्षेप मृतक शौकत मंडल की पत्नी मंजुरा बीबी की याचिका पर आया, जिन्होंने राज्य पुलिस पर उनके पति की मौत में मिलीभगत का आरोप लगाया था.
बताया गया कि 26 अगस्त, 2023 को पुलिस ने मंजुरा बीबी के घर पर छापेमारी की थी. पुलिस का निशाना शौकत के साले मोहन मंडल था. मोहन के नहीं मिलने पर पुलिसकर्मी शौकत मंडल को अपने साथ ले गए. बाद में शौकत का शव उनके घर से लगभग 500 मीटर दूर एक बगीचे में मिला, जिसके बाद मंजुरा बीबी ने हत्या का आरोप लगाया.
मामला इसलिए और जटिल हो गया क्योंकि शौकत मंडल के भाई के खिलाफ पहले से ही हत्या का एक मामला दर्ज था, जिसकी जांच पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी, लेकिन दिसंबर 2023 में उसी हाईकोर्ट ने उसे भी सीबीआई को सौंप दिया था. पश्चिम बंगाल सरकार की आपत्ति के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा था.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि शौकत मंडल की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. साथ ही, उनके खिलाफ 2017 से नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत दो मामले लंबित होने का भी हवाला दिया गया.
हालांकि, अदालत ने इन दलीलों को दरकिनार करते हुए दोनों संबंधित मामलों की जांच एक ही सीबीआई अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया, ताकि जांच की निष्पक्षता और विश्वसनीयता बनी रहे.
/ ओम पराशर
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