नई दिल्ली, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को दिल्ली के भारत मंडपम में इंटरनेशनल शुगर एक्सपो 2025 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने शुगर इंडस्ट्री में हो रहे अनुसंधान और नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि ज्ञान ही भविष्य है और इसे संपत्ति में बदलना ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत में पिछले कुछ वर्षों में चीनी उद्योग ने काफी रिसर्च और तकनीकी विकास किया है, जिससे नई-नई टेक्नोलॉजी उपलब्ध हुई हैं। नवाचार, उद्यमिता, विज्ञान और अनुसंधान इन सबका आधार ज्ञान है। इस ज्ञान को संपदा में बदलना ही भविष्य का रास्ता है। चीनी उद्योग में जो अनुसंधान हुआ है, वह बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें इससे कई गुना अधिक आगे बढ़ने की जरूरत है।
गडकरी ने कहा कि किसी भी उद्योग के तीन मुख्य स्तंभ होते हैं, जिनमें किसान सबसे महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को संरक्षण देना और उनका समर्थन करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। गांव, गरीब, मजदूर और किसान के कल्याण के बिना देश की समृद्धि संभव नहीं है। वर्तमान में भारत की जीडीपी में सेवा क्षेत्र का योगदान 52 से 54 प्रतिशत, विनिर्माण क्षेत्र का 22 से 24 प्रतिशत और कृषि व संबद्ध क्षेत्रों का मात्र 12 प्रतिशत है। अगर कृषि क्षेत्र का यह योगदान 24 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए तो न केवल कृषि विकास दर बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों की आय और उनकी भलाई ही चीनी उद्योग की रीढ़ है। गडकरी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह खुद पश्चिम महाराष्ट्र में तीन शुगर फैक्ट्रियों से जुड़े हुए हैं और वर्षों से घाटा झेल रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं मजाक में कहता हूं कि जो पिछले जन्म में पाप करता है, वही इस उद्योग में आता है। न बाहर निकल सकता हूं, न अंदर रह सकता हूं।
उन्होंने कहा कि सरकार के लिए उपभोक्ता संरक्षण और किसानों का कल्याण दोनों ही आवश्यक हैं। चीनी उद्योग को भी इन दोनों पहलुओं को ध्यान में रखकर काम करना होगा ताकि उद्योग और समाज दोनों का संतुलित विकास हो सके।
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(Udaipur Kiran) / प्रशांत शेखर
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