राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण विजेता को सात लाख, रजत पर पांच लाख और कांस्य विजेता को मिलते हैं तीन लाख रुपये
झज्जर, 15 मई . 38वें नेशनल गेम्स में पदक जीतने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि और प्रमाणपत्र जल्द ही दिया जाएगा. यह जानकारी हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन (एचओए) के उपप्रधान अनिल खत्री ने गुरुवार को यहां दी.खत्री ने एक दिन पहले एचओए के प्रधान मीनू बेनीवाल और महासचिव व पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार से मुलाकात की थी.
बुधवार काे एचओए के उपप्रधान खत्री ने प्रधान मीनू बेनीवाल और महासचिव एवं पंचायत मंत्री कृष्णलाल पंवार से चंडीगढ़ में मुलाकात की थी. इस मुलाकात में उन्होंने 38वें नेशनल गेम्स के पदक विजेताओं के लिए घाेषित नकद पुरस्कार जल्द देने की मांग की थी. गुरुवार काे एचओए के उप प्रधान अनिल खत्री ने कहा कि प्रतियोगिता के समापन के साथ ही खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार राशि मिलनी चाहिए. एचओए को भविष्य में इसी दिशा में काम करना चाहिए कि खिलाड़ियों को उनका सीधा और सही समय पर फायदा हो सके. उन्हाेंने बताया कि इस पर प्रधान और महासचिव दोनों ने पुरस्कार राशि और प्रमाण पत्र शीघ्र ही खिलाड़ियों को दिए जाने का आश्वासन दिया. खत्री ने कहा कि समय पर प्रोत्साहन राशि मिलने से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है.
अनिल खत्री ने कहा कि एसओए की नई कार्यकारिणी, नए हौंसले और जोश के साथ काम कर रही है, तो भविष्य में खिलाड़ियों को हर सुविधा समय पर मिलेगी. खिलाड़ियों के प्रमाण पत्रों की ग्रेडेशन भी समय पर हुआ करेगी ताकि खिलाड़ियों को खेल कोटे से नौकरी में प्राथमिकता मिल सके. शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए भी समय पर मिलने वाले प्रमाणपत्र खिलाड़ियों का हौंसला बढ़ाते हैं. खत्री ने कहा कि हरियाणा खेल और खिलाड़ियों की धरा है. हरियाणा लगातार देश का गौरव बढ़ाता है. इस मौके पर उनके साथ हरियाणा तैराकी संघ के सदस्य सुरेश जून भी मौजूद रहे.
उल्लेखनीय है कि नेशनल गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता को सात लाख, रजत पदक विजेता को पांच लाख और कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी को तीन लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से दी जाती है. इसके अलावा प्रतिभागी को 51 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी सरकार देती है. हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम हाल ही में उत्तराखंड में आयोजित हुए राष्ट्रीय खेलों के विजेता खिलाड़ियाें के सम्मान के लिए 21 मई को रोहतक में समाराेह आयओजित करने की घाेषणा कर चुके हैं.
—————
/ शील भारद्वाज
You may also like
भारत से उलझकर क्या मिला? बलूचिस्तान टू चटगांव एक बार फिर खंडित होने की कगार पर पाकिस्तान और बांग्लादेश
प्रधानमंत्री मोदी ने आदमपुर एयरबेस का ही दौरा क्यों किया?
जब दादी बांधकर देती थीं अचार… 'रेल यात्रा' की यादें कुरेदकर पुराने दिनों में ले गए शेखर कपूर
टिम डेविड, रोमारियो शेफर्ड बेंगलुरु में आरसीबी टीम में हुए शामिल
'आप' की मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात, सुझाव और चिंताओं पर हुई चर्चा