–Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने भी लखनऊ में लक्ष्मण मेला मैदान गोमती के तट पर भगवान सूर्य को दिया अर्घ्य
–नदियों के घाटों पर उमड़ी आस्था की लहर, गूंजे छठ मैया के गीत — श्रद्धा और उल्लास से सराबोर रहा पूरा प्रदेश
वाराणसी, 27 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . लोक आस्था के महापर्व डाला छठ के तीसरे दिन Monday को Uttar Pradesh भर में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला. लाखों व्रती महिलाओं ने धुंध और हल्की बदली के बीच नदियों, तालाबों, सरोवरों और कुंडों के तटों पर पहुंचकर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को दूध और जल से प्रथम अर्घ्य अर्पित किया. निर्जला व्रत के 36 घंटे के बीच व्रतियों ने परिवार के साथ सूर्योपासना की और छठी मैया से सुख-समृद्धि की कामना की. राजधानी लखनऊ में लक्ष्मण मेला मैदान, पर गोमती के तट के किनारे प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने भी भगवान सूर्य को पूरे आस्था के साथ अर्घ्य दिया. इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश के उप Chief Minister ब्रजेश पाठक और महापौर सुषमा खर्कवाल, Indian जनता पार्टी के नेता भी माैजूद थे. Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं भी दी.
तीसरे दिन पूरे प्रदेश के नदियों के घाटों से लेकर तालाबों और सरोवरों तक श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. वाराणसी, Prayagraj, अयोध्या, गोरखपुर, मिर्जापुर, बलिया, आजमगढ़, देवरिया, लखनऊ, कानपुर, आगरा और झांसी सहित पूरे प्रदेश में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा रहा. Prayagraj के गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट, बलुआघाट, शिवकुटी, अरैल और फाफामऊ पर व्रती महिलाओं और उनके परिजनों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया.
इसी प्रकार राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारे लक्ष्मण मेला घाट, कुड़ियाघाट, झूलेलाल घाट और संझियाघाट पर व्रतियों ने आस्था के साथ छठ मइया की पूजा-अर्चना की और आस्था और विश्वास के साथ अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दूध और जल का पहला अर्घ्य दिया. वाराणसी में गंगा घाटों का नजारा सबसे अधिक मनमोहक रहा. दशाश्वमेध, अस्सी, पंचगंगा, सामने घाट, तुलसी, हनुमान, सिंधिया और भैसासुर घाट पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. जल में कमर या घुटने तक खड़ी महिलाएं फल और पूजा सामग्री से भरे सूप हाथ में लिए मौन उपासना कर रही थीं, वहीं उनके संग आईं अन्य महिलाएं छठी मैया के पारम्परिक गीत “कांच ही बांस के बहंगिया…उजे केरवा जे फरेला घवद से ओ पर सुग्गा मेड़राय, मोरा घाटे दुबिया उपजि गइले’ गा रही थीं . छठी मैया की पूजा के बाद कई महिलाओं ने मन्नत पूरी होने पर कोसी भी भरी.
पूजा के उपरांत घर लौटते समय व्रती महिलाएं दीप जलाए कलश लिए सूप और दउरी में प्रसाद लेकर चल रही थीं. परिवारजन उनके चारों ओर घेरा बनाकर दीपक को हवा और भीड़ से बचाते हुए श्रद्धापूर्वक साथ चल रहे थे. महापर्व का समापन शुक्रवार तड़के उदयाचलगामी सूर्य को अंतिम अर्घ्य अर्पित करने के साथ होगा. पर्व की पवित्रता और सुरक्षा को देखते हुए सभी जिलों में एनडीआरएफ, जल पुलिस और प्रशासनिक टीमें पूरी मुस्तैदी से तैनात रहीं. घाटों पर साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण की विशेष व्यवस्थाएं की गई है.
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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