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जबलपुरः स्वालम्बन नारी, सशक्त राष्ट्र की अवधारणा को साकार करता विराट हॉस्पिटल

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– मुख्यमंत्री सोमवार को करेंगे विराट हॉस्पिटल का अवलोकन

भोपाल, 25 मई . साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी का जबलपुर में स्थापित विराट हॉस्पिटल ‘स्वालम्बी नारी, सशक्त राष्ट्र’ की अवधारणा को साकार कर रहा है. कैंसर की जंग हार चुके रोगियों के उपचार और उनकी सेवा के लिए इस हॉस्पिटल का समर्पण सराहनीय है. साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी ने विराट हॉस्पिटल को प्रारंभ से ही कैंसर रोगियों के लिये सेवा और उपचार के आदर्श केन्द्र की स्थापना के संकल्प की सिद्धि की साधना स्थली बनाया. इस समर्पण भाव के कारण विराट हॉस्पिटल कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान औऱ सम्मान अर्जित कर सका है. साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी का यह प्रकल्प असाध्य रोगों के उपचार और सेवा सुश्रूषा की प्रेरणा स्थली बन चुका है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार, 26 मई को जबलपुर प्रवास के दौरान इस अस्पताल का अवलोकन करेंगे.

कैंसर मरीजों की जीवन के अंतिम समय में विराट हॉस्पिटल में की जा रही देखभाल की ऐसे ही तारीफ नहीं की जाती, बल्कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान यहां भेजा जाना इसका प्रमाण है. कैंसर रोगियों के चेहरे पर यहां सेवाभाव से की जा रही देखभाल को लेकर संतोष देखा जा सकता है.

ज्ञानेश्वरी दीदी ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि शुरूआत में लगता था कि ऐसे कैंसर मरीजों की देखभाल कैसे की जा सकेगी, जिनके बचने की कोई उम्मीद नहीं है, डॉक्टर भी जबाब दे चुके हैं और परिवार भी उनका साथ छोड़ चुका है, लेकिन लोगों, दानदाताओं और कॉरपोरेट कंपनियों के सहयोग से धीरे-धीरे सारी व्यवस्थाएं होती गई और पिछले करीब बारह वर्षों में ढाई हजार से अधिक कैंसर मरीजों की सेवा की जा चुकी हैं. उन्होंने बताया कि विराट हॉस्पिटल में कैंसर मरीजों को चाय, दूध, नास्ता और दोनों समय का भोजन उपलब्ध कराया जाता है. मरीज के परिवार के एक सदस्य को भी यहॉं रहने की अनुमति है उनके भोजन आदि की व्यवस्था भी हॉस्पिटल की ओर से की जाती है. भोजन पौष्टिक हो इसका विशेष ध्यान रखा जाता है. भोजन पकाने में बायो गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है. परिसर में उगाई गई आर्गेनिक सब्जियां ही भोजन में परोसी जाती हैं. परिसर स्थित गौशाला की गायों का दूध मरीजों को दिया जाता है.

साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी ने बताया कि करीब सवा तीन एकड़ में फैले विराट हॉस्पिटल का पूरा परिसर इको फ्रेंडली है. यहाँ सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं. हॉस्पिटल परिसर से निकला प्रदूषित पानी माँ नर्मदा में न मिले इसके लिये यहाँ दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाये गये हैं. इनसे साफ किया गया पानी परिसर में लगे पेड़-पौधों की सिंचाई और निस्तार में इस्तेमाल किया जाता है.

अब उपचारात्मक सुविधाएं देने की तैयारी, बनेगा कैंसर अस्पताल

कैंसर से जंग हार चुके मरीजों की जीवन के अंतिम समय में देखभाल करने वाले विराट हॉस्पिटल परिसर में अब कैंसर के नये मरीजों को उपचारात्मक सेवाएं देने 75 बिस्तरों का तीन मंजिला अस्पताल भी बनाया जा रहा है. विराट हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ अखिलेश गुमास्ता ने बताया कि अस्पताल का भूतल बनकर तैयार हो चुका है. दान दाताओं और कार्पोरेट्स के सहयोग से यहाँ ब्रेकी थेरेपी जैसी अत्याधुनिक मशीन लगाई गई है इससे कैंसर मरीजों का उपचार शुरू भी कर दिया गया है. भाभा एटमिक रिसर्च सेंटर से अनुमति मिलते ही यहाँ स्थापित कोबाल्ट मशीन से भी कैंसर मरीजों की रेडियो थेरेपी शुरू की जाएगी. सर्जरी की जरूरत वाले कैंसर मरीजों के लिये इस नये भवन में सर्जिकल वार्ड भी बनाया जा रहा है.

विराट हॉस्पिटल की संस्थापक ज्ञानेश्वरी दीदी मूल रूप से हरियाणा के पिंजौर की रहने वाली हैं. अपने गुरु ब्रह्मर्षि विश्वात्मा बावराजी महाराज से दीक्षा लेने के बाद साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी ने समाजसेवा के लिए अलग-अलग शहरों में भ्रमण किया. नर्मदा नदी के किनारे बसा जबलपुर शहर पसंद आया और इसे ही उन्होंने अपना कर्मक्षेत्र बना लिया. साध्‍वी ज्ञानेश्वरी दीदी ने बताया कि उनकी इच्छा एक ऐसा परिसर बनाने की थी, जहां जीवन के अंतिम समय में कैंसर मरीजों को पारिवारिक माहौल में रखकर इलाज और सेवा की जा सके.

तोमर

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