– विद्यार्थियों के लिेय 21वीं शताब्दी के कौशल अर्जित करने पर जोर
भोपाल, 1 जून . मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कन्टीन्यूअस एण्ड कॉम्प्रेंसिव ईवेल्युएशन (सीसीएलई) गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों के लिये 21वीं शताब्दी के कौशल अर्जित करने पर जोर दिया गया है. इस बात को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग सरकारी हाई और हायर सेकण्डरी स्कूलों में सीसीएलई कार्यक्रम अर्थात सतत् एवं व्यापक अधिगम एवं मूल्यांकन कार्यक्रम के रूप में संचालित कर रहा है.
जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि सीसीएलई गतिविधियों के अंतर्गत प्रति सप्ताह होने वाले लेखन कौशल, वक्तव्य कौशल, प्रश्नोत्तरी कौशल, दृश्य और प्रदर्शन कला पर केन्द्रित गतिविधियां विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में मदद करती हैं. नये शैक्षणिक सत्र 2025-26 में ग्रीष्म अवकाश के बाद बाल सभा प्रत्येक शनिवार को पूर्वानुसार प्रथम 3 कालखण्ड में संचालित होगी. वर्ष 2024-25 में सीसीएलई गतिविधियों की राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग के लिये विमर्श पोर्टल पर मॉड्यूल निर्माण किया गया था.
369 सांदीपनि विद्यालयों का संचालन
उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 369 सर्वसुविधा युक्त सांदीपनि विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. पूर्व में यह विद्यालय सीएम राइज स्कूल के नाम से जाने जाते थे. वर्ष 2025 में 150 नये सांदीपनि विद्यालय संचालित होंगे. प्रदेश में सरकारी स्कूलों को सर्वसुविधा सम्पन्न कर विद्यार्थियों को रोचक एवं आनंद दायक शिक्षा प्रदान करने और उनके सर्वांगीण विकास करने के उद्देश्य से पहले चरण में 276 सांदीपनि विद्यालय शुरू किये गये थे.
सांदीपनि विद्यालयों में उत्कृष्ट भवन एवं अधोसंरचना विकसित किये जाने का कार्य निरंतर प्रगतिशील है. इन विद्यालयों में निकटस्त 10 से 15 किलोमीटर की दूरी के विद्यार्थियों को स्कूल में लाने के लिये परिवहन व्यवस्था भी प्रारंभ की गई है.
तोमर
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