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संजय बंदी ने एचसीयू भूमि घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की

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– केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने रेवंत रेड्डी और केटीआर पर एक दूसरे को भ्रष्टाचार मामलों में बचाने का आरोप लगायाहैदराबाद, 08 अप्रैल . केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय ने आरोप लगाए कि तेलंगाना की राजनीति में कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की अपवित्र गठबंधन की कहानी लगातार जारी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव (केटीआर) विशेष रूप से करीबी मित्र बन गए हैं. इस मित्रता के तहत रेवंत रेड्डी सरकार बीआरएस शासनकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के मामलों को दबाने और कमजोर करने का प्रयास कर रही है ताकि केसीआर परिवार को गिरफ्तारी से बचाया जा सके.

केंद्रीय मंत्री बंदी संजय ने कहा कि शुरुआत में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने स्वयं खुले तौर पर केसीआर के परिवार पर कलेश्वरम परियोजना में ₹1 लाख करोड़ के भ्रष्टाचार, बिजली खरीद समझौतों में अनियमितताओं, धरनी भूमि घोटाले, फोन टैपिंग कांड, फॉर्मूला-ई रेसिंग घोटाले और फार्म हाउस ड्रग्स मामलों में संलिप्तता का आरोप लगाया था लेकिन अब केटीआर के साथ गुप्त गठबंधन करने के बाद, रेवंत रेड्डी इन मामलों को हल्का करने का प्रयास कर रहे हैं, जो अत्यंत निंदनीय है. इसके बदले में केटीआर, रेवंत रेड्डी सरकार के साथ भूमि अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार गतिविधियों में सहयोग कर रहे हैं. कांग्रेस द्वारा प्रचारित छह गारंटी और अन्य वादों के बावजूद, वे विधानसभा के भीतर और बाहर केवल नाटक कर रहे हैं, जबकि वास्तव में जेमिनी स्तर पर किसी भी वादे को पूरा नहीं कर रहे हैं.

गृह राज्य मंत्री बंदी संजय ने अपने कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी अब हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (एचसीयू) की जमीनें बेचने का प्रयास कर रहे हैं. ऊपर से वे दिखावे के तौर पर वे विरोध का नाटक कर रहे हैं जबकि पर्दे के पीछे केटीआर पूरा समर्थन दे रहे हैं.

संजय का मानना है कि रेवंत रेड्डी और केटीआर के बीच की गुप्त मित्रता पहले ही उजागर हो चुकी . हाल ही में दोनों ने मिलकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के नेतृत्व में आयोजित परिसीमन बैठक में भाग लिया. वे हैदराबाद में प्रस्तावित जनसभा की भी संयुक्त रूप से योजना बना रहे हैं, जिसमें आमंत्रित किए जाने वाले लोगों का चयन भी कर रहे हैं. यहां तक कि संसद में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर मतदान के दौरान भी, कांग्रेस और बीआरएस सांसदों ने उनके प्रभाव में आकर केंद्र सरकार के विरोध में मतदान किया. हैदराबाद स्थानीय निकाय एमएलसी चुनावों में भी कांग्रेस और बीआरएस ने कमजोर उम्मीदवार उतारकर एआईएमआईएम को जिताने में मदद की. पहले भी एमएलसी चुनावों में केटीआर ने बीआरएस को चुनाव से दूर रखकर रेवंत रेड्डी को बचाने का काम किया था. हालांकि तेलंगाना की जनता ने करीमनगर, मेदक, निजामाबाद और आदिलाबाद एमएलसी चुनावों के साथ-साथ पहले हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और बीआरएस को करारी शिकस्त दी थी, फिर भी ये दोनों दल अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. अब भी ये पार्टियां एक ही एजेंडे पर काम कर रही हैं- भाजपा को निशाना बनाना और उसे नुकसान पहुंचाना जबकि भाजपा एचसीयू जमीन की बिक्री के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन कर रही है, वहीं रेवंत रेड्डी और केटीआर भाजपा को बदनाम करने की साजिश में लगे हुए हैं.

मुख्यमंत्री को हिदायत देते हुए गृह राज्य मंत्री संजय ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी वास्तव में एचसीयू भूमि विवाद को लेकर ईमानदार हैं, तो उन्हें तुरंत केंद्र को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग करनी चाहिए. क्योंकि आज केंद्र में केसीआर या रेवंत रेड्डी की पार्टी की सरकार नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार है- जो ईमानदारी और निष्ठा की प्रतीक है. भारत जनता पार्टी की केंद्र सरकार भ्रष्टाचार और भूमि माफिया के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर रही है. यदि सीबीआई जांच कराई जाती है, तो एचसीयू भूमि लूट में शामिल सभी षड्यंत्रकारी और सहयोगी बेनकाब हो जाएंगे. अब सवाल यह उठता है, ‘क्या कांग्रेस सरकार में इतनी हिम्मत है कि वह सीबीआई जांच की मांग करे? ’क्या बीआरएस पार्टी में इतनी ताकत है कि वह एचसीयू भूमि घोटाले पर सीबीआई जांच की मांग करे? इस पर स्थिति को स्पष्ट करना अनिवार्य है.

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/ नागराज राव

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