मुरादाबाद : जीएसटी विभाग ने एक ऐसी धांधली पकड़ी है कि सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। लोहे के कारोबार में 341 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। हैरानी की बात ये है कि सिर्फ दो मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करके 122 बोगस कंपनियां खड़ी कर दी गईं। इन फर्जी फर्मों के जरिए कुल 1811 करोड़ रुपये का कागजी कारोबार दिखाया गया। जीएसटी अधिकारियों ने तुरंत एक्शन लिया और नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड लखनऊ की एके इंटरप्राइजेज का कारोबारी अंकित कुमार निकला, जो लोहे का व्यापारी है।
दो नंबरों से 122 फर्जी कंपनियां – कैसे हुआ ये खेल?जीएसटी विभाग की टीम को शक तब हुआ जब कुछ फर्मों के बिल-वाउचर में गड़बड़ी नजर आई। जांच शुरू हुई तो पता चला कि सिर्फ दो मोबाइल नंबरों से 122 फर्जी कंपनियां रजिस्टर की गई थीं। ये कंपनियां असल में कागजों पर ही थीं, कोई दफ्तर नहीं, कोई कर्मचारी नहीं। इनके जरिए लोहे की खरीद-बिक्री के फर्जी इनवॉइस बनाए गए। असल में माल की सप्लाई कभी हुई ही नहीं, बस कागजों पर करोड़ों का लेन-देन दिखाया गया। इस धोखे से सरकार को 341 करोड़ रुपये का जीएसटी नुकसान पहुंचाया गया। विभाग के सूत्रों का कहना है कि ये पूरा नेटवर्क इतनी चालاکی से बनाया गया था कि महीनों तक किसी को भनक तक नहीं लगी।
1811 करोड़ का कागजी कारोबार – फर्जीवाड़े की पूरी कहानीइन 122 बोगस फर्मों ने मिलकर कुल 1811 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाया। लोहे की खरीद दिखाई, बिक्री दिखाई, लेकिन असल में कुछ नहीं हुआ। ये सब इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम करने के लिए किया गया। मतलब, फर्जी बिलों से टैक्स क्रेडिट लिया और असल टैक्स जमा नहीं किया। जीएसटी अधिकारियों ने जब डेटा एनालिसिस किया तो पूरा खेल खुल गया। एक फर्म दूसरी फर्म को बिल जारी करती, वो तीसरी को, और ऐसे ही चेन बनती गई। अंत में पैसा कुछ चुनिंदा खातों में घूमकर गायब हो जाता। ये पूरा सर्कुलर ट्रेडिंग का खेल था, जिसमें लोहे का एक किलो भी नहीं हिला।
नौ लोगों पर मुकदमा, मास्टरमाइंड अंकित कुमार गिरफ्त मेंजीएसटी विभाग ने सख्ती दिखाते हुए नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इनमें फर्जी कंपनियों के नाम पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले, बिल बनाने वाले और पैसे ट्रांसफर करने वाले शामिल हैं। लेकिन सबसे बड़ा नाम है अंकित कुमार का। वो लखनऊ में एके इंटरप्राइजेज चलाता है और लोहे का कारोबारी है। जांच में पता चला कि अंकित ही इस पूरे रैकेट का सरगना था। उसने अपने संपर्कों का इस्तेमाल करके फर्जी दस्तावेज जुटाए, बैंक अकाउंट खुलवाए और पैसे का लेन-देन मैनेज किया। फिलहाल अंकित और उसके साथी जीएसटी टीम की गिरफ्त में हैं। पूछताछ जारी है और और भी नाम सामने आ सकते हैं।
जीएसटी विभाग की मुहिम – अब और सख्तीइस मामले ने जीएसटी विभाग को और अलर्ट कर दिया है। अधिकारी बता रहे हैं कि अब फर्जी फर्मों की जांच के लिए नया सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जा रहा है। मोबाइल नंबर, पैन कार्ड और बैंक अकाउंट की क्रॉस चेकिंग हो रही है। मुरादाबाद में लोहे के कारोबार पर खास नजर रखी जा रही है। विभाग का कहना है कि ऐसे मामलों में सजा के साथ-साथ जुर्माना भी वसूला जाएगा। 341 करोड़ की चोरी पकड़ने से सरकार को बड़ी राहत मिली है, लेकिन ये सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
कारोबारियों में खौफ, ईमानदारी की अपीलमुरादाबाद के लोहे के बाजार में इस खबर ने हड़कंप मचा दिया है। कई कारोबारी डरे हुए हैं कि कहीं उनकी पुरानी गलतियां न पकड़ ली जाएं। जीएसटी अधिकारी कारोबारियों से अपील कर रहे हैं कि फर्जी बिलों से दूर रहें, वरना कानूनी कार्रवाई होगी। छोटे व्यापारी भी अब सतर्क हो गए हैं। उनका कहना है कि बड़े खिलाड़ी ऐसे खेल खेलते हैं, जिससे पूरा बाजार बदनाम होता है।
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