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सिर्फ 4 घंटे की नींद काफी? वैज्ञानिकों ने खोजा जीन म्यूटेशन का रहस्य

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क्या आपने कभी सोचा कि कुछ लोग सिर्फ 4 घंटे की नींद में भी पूरी तरह तरोताजा और ऊर्जावान कैसे रहते हैं? जहां ज्यादातर लोगों को 7-8 घंटे की नींद की जरूरत होती है, वहीं कुछ खास लोग कम नींद में भी स्वस्थ और सक्रिय रहते हैं। 10 मई, 2025 को वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में खुलासा किया कि एक दुर्लभ जीन म्यूटेशन के कारण कुछ लोग कम नींद के साथ भी बेहतर जिंदगी जी सकते हैं। आइए, इस रोचक खोज और इसके पीछे की विज्ञान को समझते हैं।

जीन म्यूटेशन का कमाल

वैज्ञानिकों के अनुसार, यह अनोखी क्षमता एक जीन म्यूटेशन, जिसे ‘शॉर्ट स्लीप जीन’ कहा जाता है, के कारण होती है। यह म्यूटेशन कुछ लोगों के दिमाग को नींद की जरूरत को कम करने की ताकत देता है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ऐसे लोगों का अध्ययन किया, जो रोजाना 4-6 घंटे की नींद लेते हैं, फिर भी उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। इस जीन म्यूटेशन से प्रभावित लोग न सिर्फ कम नींद में तरोताजा रहते हैं, बल्कि उनकी एकाग्रता, उत्पादकता और मूड भी सामान्य या उससे बेहतर होता है। यह खोज उन लोगों के लिए आश्चर्यजनक है, जो नींद की कमी से जूझते हैं।

शॉर्ट स्लीपर्स: प्रकृति का तोहफा

वैज्ञानिक इन्हें ‘शॉर्ट स्लीपर्स’ कहते हैं। ये लोग दुनिया की आबादी का केवल 1-3% हिस्सा हैं। शोध में पाया गया कि शॉर्ट स्लीपर्स में DEC2 जीन का म्यूटेशन होता है, जो नींद के चक्र को नियंत्रित करने वाले प्रोटीन को प्रभावित करता है। इसके कारण उनका शरीर कम नींद में भी पूरी तरह रिकवर कर लेता है। उदाहरण के लिए, कुछ शॉर्ट स्लीपर्स रात में सिर्फ 4 घंटे सोते हैं, फिर भी सुबह उठकर उतनी ही ऊर्जा और उत्साह महसूस करते हैं, जितना 8 घंटे सोने वाला व्यक्ति। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह म्यूटेशन प्रकृति का एक अनोखा तोहफा है।

क्या हर कोई कम सो सकता है?

यह खोज भले ही रोमांचक हो, लेकिन वैज्ञानिक चेतावनी देते हैं कि हर कोई शॉर्ट स्लीपर नहीं बन सकता। ज्यादातर लोगों को 7-8 घंटे की नींद की जरूरत होती है, और कम नींद लेने से थकान, तनाव, कमजोर इम्यूनिटी और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। DEC2 जीन म्यूटेशन बहुत दुर्लभ है, और बिना इस म्यूटेशन के कम नींद लेना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर आप कम सोने की कोशिश करते हैं, लेकिन दिन में सुस्ती या चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं, तो यह संकेत है कि आपके शरीर को ज्यादा नींद चाहिए।

इस खोज का भविष्य

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस शोध से भविष्य में नींद से जुड़ी समस्याओं का इलाज ढूंढा जा सकता है। उदाहरण के लिए, DEC2 जीन म्यूटेशन को समझकर दवाएं या थेरेपी विकसित की जा सकती हैं, जो नींद की जरूरत को सुरक्षित रूप से कम करें। यह उन लोगों के लिए वरदान हो सकता है, जो अनिद्रा या नींद की कमी से जूझते हैं। साथ ही, यह खोज उत्पादकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य सुधारने में भी मददगार हो सकती है। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी इस दिशा में और शोध की जरूरत है।

सावधानियां और सुझाव

अगर आपको लगता है कि आप कम नींद में भी ठीक रहते हैं, तो डॉक्टर या नींद विशेषज्ञ से सलाह लें। अपनी नींद की गुणवत्ता को ट्रैक करें और देखें कि कम नींद आपके मूड, ऊर्जा या सेहत पर असर तो नहीं डाल रही। सामान्य लोगों के लिए रात में 7-8 घंटे की गहरी नींद जरूरी है। अच्छी नींद के लिए नियमित समय पर सोएं, स्क्रीन टाइम कम करें और सोने से पहले हल्का भोजन करें। अगर आप कम नींद लेने की कोशिश कर रहे हैं, तो धीरे-धीरे नींद का समय कम करें और अपने शरीर की प्रतिक्रिया को समझें।

जनता की उत्सुकता

सोशल मीडिया पर इस खोज को लेकर खूब चर्चा हो रही है। #ShortSleepers और #SleepMutation जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “4 घंटे की नींद में तरोताजा? काश मेरे पास भी ये जीन होता!” लोग इस दुर्लभ जीन म्यूटेशन के बारे में उत्साहित हैं और अपनी नींद की आदतों पर विचार कर रहे हैं। यह खोज खासकर उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है, जो नींद और उत्पादकता के बीच संतुलन तलाश रहे हैं।

निष्कर्ष: नींद का विज्ञान, सेहत का राज

4 घंटे की नींद में तरोताजा रहने की क्षमता कुछ लोगों के लिए जीन म्यूटेशन का कमाल है, लेकिन यह हर किसी के लिए नहीं। शॉर्ट स्लीपर्स की यह खोज हमें नींद के विज्ञान की गहराई दिखाती है। अपनी नींद की जरूरत को समझें और सेहत को प्राथमिकता दें। हमारी सलाह है कि अपनी नींद की आदतों पर ध्यान दें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ से सलाह लें। आइए, अच्छी नींद के साथ स्वस्थ और ऊर्जावान जिंदगी जिएं।

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